नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि देश में जानबूझकर और सोची समझी रणनीति के तहत घृणा का माहौल पैदा किया जा रहा है जिससे देश की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है और विरासत खतरे में पड़ गयी है। श्रीमती गांधी ने यहां गांधीवादी समाजसेवी पी वी राजगोपाल को 29वां इंदिरागांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि विविधता में एकता की हमारी विरासत रही है लेकिन इस पर अाज खतरा मंडराने लगा है, दुख की बात यह है कि जिस विविधता ने हमें अलग तथा विशिष्ट पहचान दी और दुनिया में अनोखा बनाया उसके समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ खास विचारधारा के लोग सोची समझी रणनीति के तहत देश को बांटने की कोशिश की जा रही हैं। हमारी एकता की विरासत को मिटाने का प्रयास हो रहा है। संकीर्ण मानिसकता से प्रेरित लोगों द्वारा हिंसा और घृणा का माहौल पैदा किया जा रहा है जिससे देश की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है। उन्होंने इसे सोची समझी चाल बताया और कहा कि इस खतरनाक चाल को देश की जनता सफल नहीं होने देगी।
श्रीमती गांधी ने कहा कि देश में विकास की बात की जा रही है लेकिन दूसरी तरफ घृणा का माहौल पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समृद्धि और सामाजिक तनाव एक साथ नहीं चल सकते। उनका कहना था कि सामाजिक ढांचा तोड़ा जाता है तो इसके अच्छे परिणाम नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर श्रीमती इंदिरा गांधी तक ने राष्ट्रीय एकता के लिए सार्वजनिक तंत्र को मजबूत किया था और देश की खुशहाली के इस तंत्र को आज और अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है। देश की एकता ज्यादा महत्वपूर्ण है और कांग्रेस उसे नष्ट नहीं होने देगी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्री राजगोपाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जो काम किया है, उसको देखते हुए वह इस पुरस्कार पाने के सच्चे हकदार थे। श्री गोपाल ने गांधीवादी तरीके से गरीबों को उनका हक दिलाने का काम किया है । श्री राजगोपाल ने कहा कि इस पुरस्कार से उनका सम्मान बढ़ा है और उनमें काम करने का उत्साह भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार के लिए दस लाख रुपए के रूप में उन्हें जो राशि दी गयी है, उसका पूरा इस्तेमाल वह जिम्मेदारी से गरीबी और हिंसा से मुक्त भारत के निर्माण के लिए करेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें