राँची, 31 अक्टूबर, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही विकसित राष्ट्र का निर्माण होता है, समाज में फैली विकृतियां अच्छी शिक्षा नीति से ही समाप्त होती है। मुख्यमंत्री श्री दास ने आज यहां स्थानीय होटल बी.एन.आर. चाणक्य में क्षेत्रीय सलाहकार बैठक, सेन्ट्रल रीजन आॅन न्यू एजुकेशन पाॅलिसी (एन0ई0पी0) 2016 पर आयोजित सेमिनार में कहा कि नैतिक, आध्यात्मिक एवं कौशल विकास से संबंधित शिक्षा स्कूल से ही प्रारम्भ होनी चाहिए। आजादी के बाद से ही देश में शिक्षा नीति के लिए समितियां बनती रही हैं परन्तु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना आज भी चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के गौरव हैं। हमारा भारत कैसा हो, हमारा झारखंड कैसा हो इसका दायित्व शिक्षकों के हाथ में है। शिक्षक आने वाले पीढ़ी के संरक्षक हैं।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में कमियां एवं खामियां दूर करने हेतु शिक्षाविदों का योगदान आवश्यक है। नई शिक्षा नीति को कैसे प्रभावशाली बनाया जाए इसे शिक्षक बेहतर समझते हैं। अतएव नई शिक्षा नीति के निर्धारण में आप लोगों की सक्रिय भूमिका होनी चाहिए। शिक्षण संस्थानों का बाजारीकरण नहीं होना चाहिए। सभी छात्र-छात्राओं को, चाहे वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक या पिछड़ा वर्ग के हों, एक समान शिक्षा मिलनी चाहिए।
श्री दास ने कहा कि आज डिग्री से अधिक महत्व कौशल का हो रहा है। अतः कौशल विकास पांचवीं, छठी कक्षा से ही शुरू होना चाहिए। भारत में आज कौशल विकास मात्र 32 प्रतिशत है, जो विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है, इस अंतर को पाटने की आवश्यकता है ताकि विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में भारत को खड़ा किया जा सके।
यह आयोजन नेशनल काउंसिल फोर टीचर एजुकेशन नई दिल्ली (एन0सी0टी0ई0), उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार तथा रांची विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई है। इस सेमिनार में विभिन्न 13 विषयों पर विचार विमर्श होना है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण विषय हैं- वोकेशनल एजुकेशन सिस्टम, क्वालिटी टीचर, क्वालिटी एजुकेशन, ड्रापआउट स्टुडेंट, न्यू टेक्नोलाॅजी, ई.-गर्वनेंस इत्यादि।
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