उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 नवम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 नवंबर 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 नवम्बर)

पैरासूट नेताओं पर टिका उत्तराखंड में भाजपा का भविष्य !

देहरादून रू उत्तराखंड में अपनी शक्ति खो चुकी भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर पैरासूट नेताओं को जमीन पर उतार कर सूबे में राजनीति का नया समीकरण बनाना चाह रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी आलाकमान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले संत एवं राजनेता सतपाल महाराज का भगवा परिवार में जल्द ही कद बढ़ाने की सोच रही है। उन्हें बड़ी जिम्मेदारी से नवाजे जाने की भी चर्चाएं हैं। प्रचारित तो यहाँ तक किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विश्वास उनमें बढ़ा है लेकिन संघ नेतृत्व ने महाराज के संघी ना होने के कारण आलाकमान की इस योजना परअभी हामी नहीं भरी है और यही महाराज के राह में रोड़ा बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर राज्य के वरिष्ठ नेताओं कोश्यारी,खंडूरी व निशंक के बीच अभी भी विवाद थमा नहीं है यही कारण है कि पार्टी आलाकमान महाराज पर दांव खेलना पड़ रहा है। हालांकि आलाकमान के पास इस पद के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी का चेहरा भी है। लेकिन उत्तराखंड की राजनीति में वे भी पैरासूट नेता से कम नहीं है। हालाँकि वे एक बार कोटद्वार से विधायक का चुनाव तो लड़ चुके हैं लेकिन उनकी यहाँ कोई उर्वरा राजनीतिक जमीन नहीं है। वहीँ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने भी भाजपा आलाकमान को उत्तराखंड में पार्टी की सरकार बनाने की तमन्ना जाहिर करते हुए अध्यक्ष पद की अपरोक्ष दावेदारी ठोकी है। जबकि राजनीतिक जानकारों का कहना है वर्तमान में यदि हरीश रावत जैसे जनाधार वाले नेता से कोई टक्कर ले सकता है तो वे केवल भगतदा ही हैं. उनके बाद निशंक ही रावत को टक्कर से दे सकते हैं जबकि खंडूरी में अब ढलती उम्र के कारण वो दम -खम नजर नहीं आता। सामाजिक समरसता की बात करने वाली भाजपा के नेताओं का मानना है कि बलूनी और कोश्यारी के अलावा मदन कौशिक, धन सिंह रावत और प्रकाश पंत के नाम पहले से ही अध्यक्ष पद की दावेदारी में हैं। लेकिन कोश्यारी व महाराज ठाकुर बिरादरी से हैं और मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ पार्टी आलाकमान को उनमें ही दम नजर आ रहा है। महाराज समर्थकों का मानना है कि सबसे बड़ी बात है कि भाजपा में शामिल होने के बाद किसी तरह कि जिम्मेदारी न मिलने के बावजूद सतपाल महाराज ने सूबे में और दिल्ली विधानसभा के चुनाव में पूरी निष्ठा से पार्टी के पक्ष में काम किया है। यदि वे प्रदेश अध्यक्ष के गणित में फेल रहे तो मोदी के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व रमेश पोखरियाल निशंक की दावेदारी भी कम नहीं आंकी जा रही है। महाराज के समर्थकों द्वारा कहा जा रहा है कि महाराज को बड़ी जिम्मेदारी के लिए भाजपा आलाकमान से संकेत भी मिले हैं। शायद यही वजह है कि प्रदेश के नेताओं से उन्होंने मेलजोल बढ़ाना शुरू कर दिया है। तीन दिन पहले ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल से मुलाकात की है। संघ से भी उन्होंने नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है इसी कड़ी में बीते माह संघ प्रमुख मोहन भागवत को खुद उन्होंने उनके हरिद्वार स्थित आश्रम में आमंत्रित किया था।

शुत्रघ्न ने संभाला सीएस का पदभार 

uttrakhand news
देहरादून, 16 नवंबर(निस)। प्रदेश के तेरहवें मुख्य सचिव के रूप में 1983 बैच के आईएएस अधिकारी शुत्रघ्न सिंह ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद मुख्य सचिव ने मीडिया को अपनी प्राथमिकताएं बताई। पारदर्शी प्रशासन, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और अवस्थापना सुविधाओं का विकास उनकी प्राथमिताओं में रहेगा। जन सेवाओं को अंतिम छोर तक पंहुचाने में उनका जोर रहेगा। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में असीम संभावनाएं है। यहां के लोग प्रकृति के बीच में रहते है। सरल प्रकृति के हैं। प्रशासन तंत्र को डिलिवरी सिस्टम को चुस्त दुरूस्त करना है। खासतौर से उत्तराखण्ड में पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नियम के तहत करना है। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह 1985 से 1987 तक बुलंदशहर में एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, 1987 से 1989 तक उद्योग विभाग के महाप्रबंधक, 1989 से 1990 तक शहरी विकास विभाग में संयुक्त सचिव, 1990 से 1991 तक नैनीताल में मुख्य विकास अधिकारी, 1991 से 1992 तक उत्तर प्रदेश भूमि विकास के प्रबंध निदेशक, 1992 से 1994 तक मुजफ्फरनगर के कलेक्टर, 1994 से 1995 तक विक्रीकर विभाग से अपर आयुक्त, 1995 से 1996 तक कृषि विभाग के विशेष सचिव, 1996 से 1998 तक अध्ययन अवकाश, 1998 से 1999 तक मंडी परिषद के निदेशक, 1999 में विश्व बैंक वाशिंगटन में परामर्शी, 1999 से 2000 तक परिवार कल्याण विभाग के सचिव, 2000 से 2001 तक फैजाबाद के कमिश्नर, 2001 में उत्तराखण्ड में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, 2001 से 2003 तक भारत सरकार कैबिनेट सचिवालय के निदेशक, 2003 से 2007 तक भारत सरकार के आवास एवं शहरी विकास में संयुक्त सचिव, 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में सचिव ऊर्जा, आई.टी., शहरी विकास, 2008 से 2009 तक पुनर्गठन विभाग में सचिव, 2009 से 2010 तक प्रमुख सचिव ऊर्जा, पुनर्गठन, आवास एवं शहरी विकास, 2010 से 2014 तक पीएमओ में, 2014 से 2015 में भारत सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग में अपर सचिव पद पर रहे। 

शत्रुघ्न सिंह बने राज्य के नए मुख्य सचिव तो राकेश शर्मा को बनाया गया प्रधान मुख्य सचिव
देहरादून रू राज्य की नौकरशाही में परिवर्तन करते हुए मुख्य मंत्री हरीश रावत ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया है जबकि पूर्व मुख्यसचिव राकेश शर्मा को मुख्य प्रधान सचिव बनाया गया है।  बीती देर रात हुए इस निर्णय का बीते काफी दिनों से इंतजार किया जा रहा था क्योंकि केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने राज्य सरकार द्वारा पूर्व 1982 बैच के मुख्यसचिव राकेश शर्मा को सेवा विस्तार देने से जब मन कर दिया था वहीँ इसी बीच केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह के दिल्ल्ली से लौटने के बाद इस तरह के कयासों को और बल मिल गया था कि आईएएस अधिकारियों की एक लॉबी राकेश शर्मा को राज्य का मुख्य सचिव नहीं रहने देना चाहती और हुआ भी वही. केंद्र ने राज्य सरकार के प्रतिवेदन को दरकिनार करते हुए बीती एक नवम्बर को मुख्य सचिव के पद पर राकेश शर्मा के सेवा विस्तार को गलत करार देते हुए राज्य के किसी अधिकारी को यह पद देने की बात कही . तब से ही यह कयास लगाये जा रहे थे कि अब राकेश शर्मा का सेवा विस्तार होना नामुमकिन है और वही हुआ. राज्य सरकार को बीती देर रात शत्रुघ्न सिंह को राज्य का मुख्य सचिव बनना पड़ा तो राकेश शर्मा को मुख्यमंत्री का प्रधान मुख्यसचिव बनाकर उनको भी एडजस्ट किया गया है।

आउट सोर्सिंग से वाहन रखे जाने की प्रक्रिया को दुबारा से रिव्यू किया जाएगाः सीएम 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। राजकीय विभागों में आउट सोर्सिंग से वाहन रखे जाने की प्रक्रिया को दुबारा से रिव्यू किया जाएगा। सोमवार को नगर निगम में आयोेजित राजकीय वाहन चालक महासंघ के अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजकीय वाहन चालकों के एक माह के मानदेय को एक माह के विशेष वेतन में परिवर्तीत करने व ग्रेड-पे की मांग के संबंध में मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा को वाहन चालकों के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। मुख्यमत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य के समस्त विभागों में सरकारी वाहनों के स्थान पर आउटसोर्सिंग से वाहन रखे जाने की प्रक्रिया का पुनर्परीक्षण किया जाएगा। इस बात का अध्ययन किया जाएगा कि इस प्रक्रिया को अपानाने से सरकार को लाभ हो रहा या हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि वाहन चालक सरकार का महत्वपूर्ण अंग हैं। सरकार का पहिया एक तरह से इनसे ही चलता है। छठे वेतन आयोग की कतिपय कैडर को कम करने की सिफारिशों को कमोबेश सभी राज्यों द्वारा माना गया है। परंतु कैडर को कम करने की चाह से कई मसले उलझ भी गए हैं। इन्हें दुरूस्त करने में समय लगना स्वाभाविक है। विभिन्न संवर्गों में ही आपस में विरोध होता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कर्मचारी संगठनों के नेता अपने कैडर के साथ ही राज्य की सम्पूर्ण मशीनरी के बारे में भी समग्र रूप से विचार कर सुझाव दें। बहुत सारी विसंगितियां हैं। फैसले कानून सम्मत ही हो सकते हैं। हमें केवल कर्मचरियों के बारे में ही नहीं बल्कि उन लोगों के बारे में भी सोचना होगा जिन्हें कुछ नहीं मिला है। आज भी एक बड़ा तबका सुविधाओं से वंचित हैं। हमारी सरकार ने इनके बारे में सोचते हुए समाज कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज उŸाराखण्ड सामाजिक योजनाओं पर सर्वाधिक व्यय करने वाला राज्य है।  हमें अपने नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने हैं। मुख्यमंत्री ने कुछ अतिरिक्त करने का प्रण लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी उत्पादकता का भी आंकलन करते हुए इसमें सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। विद्युत विभाग ने ट्रांसमिशन लाॅस कम करके दिखाया है। इस अवसर पर विधायक हीरासिंह बिष्ट, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, राजकीय वाहन चालक महासंघ के अध्यक्ष योगश उपाध्याय, महामंत्री महिपाल सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।

शराब के कारोबार मंे ऋषिकेश की देवियों का जलवा 
  • कुख्यात शराब तस्कर संतोष समेत आठ महिलाएं तस्करी में धरे 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। तीर्थ नगरी ऋषिकेश मंे शराब तस्करों ने शमां बांधा हुआ है। आए दिन पुलिस की ओर से चेकिंग के दौरान अवैध शराब का जखीरा बरामद कर स्थानीय तस्करों को बड़े पैमाने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। बीती रात और आठ महिला शराब तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ऋषिकेश के विभिन्न बस्तियों में रहने वाली महिलाओं का शराब के काले कारोबार में हाथ आजमाना आम बात मानी जाती है। पुलिस के पिछले खुलासों में साबित हो चुका है कि चन्द्रेश्वरनगर, मायाकुंड, जाटव बस्ती, नई जाटव बस्ती, श्यामपुर, बीस बीघा जैसे इलाकों में अनेकों लोग शराब तस्कर में लिप्त पाए गए हैं। तीर्थ नगरी में महिलाओं की शराब तस्करी में भूमिका पाया जाना महिलाओं को दी गई पूजनीय उपाधियों पर भी सवालिया निशान खड़े करने को काफी है। बीती रात पुलिस ने अलग-अलग समय जहां आठ महिलाओं को शराब तस्करी करते गिरफ्तार किया है। वहीं बीस बीघा निवासी टीटू पुत्र रामचंद्र को भी शराब तस्करी करते पकड़ा गया है। पुलिस के अनुसार नई जाटव बस्ती निवासी संतोष पत्नी वीर सिंह,संतोष पुत्र सरला निवासी भैरव कालोनी, मुन्नी देवी निवाीस चंद्रेश्वर नगर, रिया निवासी बीस बीघा, दुलारी निवासी बीस बीघा, चांदमती निवासी चंद्रेश्वर नगर, तथा मायाकुंड निवासी ममता और जानकी को देशी शराब की तस्करी करते पकड़ा गया है। 

सवा साल ही निभ सकी दंपत्ति के बीच, ससुरालियों पर कराया दहेज का मुकदमा 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। दहेज की लालसा में लोग अपना पारिवारिक जीवन जोखिम में डाल रहे हंै। राजधानी देहरादून की शांत वादियों में भी दहेज रूपी जहर परिवार तोड़ने का प्रमुख कारण बन रहा है। कंैट पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति समेत छह ससुरालियों पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है। कैंट पुलिस के अनुसार कौलागढ़ रोड निवासी महिला ने नवादा निवासी पति सागर उनियाल, सास व अन्य ससुरालियों दीक्षा शर्मा, राजेश शर्मा, संसार उनियाल, गौरी आदि पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस को दी शिकायत में महिला का कहना कि बीती साल तेइस अप्रैल को हुए विवाह के बाद से ही ससुराली उसे दहेज के लिए सताने लगे थे। प्रताड़ना से तंग आकर महिला मायके में आकर रहने लगी। महिला हैल्प लाइन में काउंसिलिंग पर भी ससुराली किसी तरह के समझौते को तैयार नहीं हुए। 

हादसे मंे जख्मी युवक की मौत 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। तीन रोज पूर्व हुई दुर्घटना में घायल युवक की देर रात अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने शव को पंचायतनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।  ऋषिकेश पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ढालवाला निवासी रमेश का भाई घटना वाली रोज बाइक पर सवार होकर नटराज चैक से होते हुए गुजर रहा था। इस दौरान सामने से आ रहे ट्रक ने बाइक पर टक्कर मार दी। बाइक सवार युवक को गम्भीर हालत में घायल होने पर अस्पताल में उपचार दिया जा रहा था। उधर रमेश ने दुर्घटना के जिम्मेदार चालक पर तेजी और लापरवाही से वाहन चलाते हुए अपने भाई की बाइक में टक्कर मारकर उसे मृत्युकारित करने का आरोप लगाया है। 

उत्कृष्ठ कार्य करने वाली वन पंचायत होंगी पुरस्कृत
  • -श्रीनगर गढ़वाल में वन पंचायतों का एक दिवसीय सम्मेलन 20 नवंबर को

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। गढ़वाल मंडल की वन पंचायतों का एक दिवसीय सम्मेलन 20 नवंबर को श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में सीएम हरीश रावत और वन मंत्री दिनेश अग्रवाल भी शामिल होंगे। सम्मेलन के दौरान गढ़वाल मंडल में चिन्हित 100 वन पंचायतों के सरपंचों को वन पंचायतों में चारागाह विकसित करने के लिए सीएम द्वारा प्रति वनपंचायत को दो लाख रुपये की धनराशि के चेत प्रदान किए जाएंगे। सम्मेलन प्रत्येक वन प्रभाग की एक वन पंचायत को उत्कृष्ठ कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। राजपुर रोड स्थित वन विभाग के मंथन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने बताया कि वन पंचायतें उत्तराखंड की गौरवमयी संस्था है, जिनका गठन ब्रिटिशकाल से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में 12,089 वन पंचायतें हैं, जिनमें 5,811 कुमांऊ मंडल में और 6,278 गढ़वाल मंडल में शामिल हैं। वन पंचायतों द्वारा 5.65 लाख हेक्टेयर वन पंचायत भूमि का प्रबंधन किया जा रहा है। प्रत्येक वन पंचायत का प्रबंधन वन पंचायत द्वारा स्वयं चयनित वन पंचायत प्रबंधन समिति जिसमें एक सरपंच और 8 अन्य सदस्य हैं द्वारा किया जाता है। राज्य में वन पंचायत चयनित व नामित सदस्यों की संख्या लगभग 1.08 लाख है। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के संरक्षण, संवर्द्धन, विकास और सशक्तिकरण के संदेश को राज्य के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले जनमानस तक पहुंचाने के लिए श्रीनगर में गढ़वाल विश्वविद्यालय के चैरास परिसर स्थित मंथन आॅडिटोरियम में गढ़वाल मंडल की वन पंचायतों का एक दिवसीय सम्मेलन 20 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में 300 से 400 प्रतिनिधि भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत और वे खुद इस सम्मेलन में शामिल होंगे। इससे पूर्व कुमांऊ मंडल में वन पंचायत सम्मेलन हो चुका है। सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, मंत्रियों, विधायकों, वन विकास निगम के अध्यक्ष तथा नामित पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के समीप अवस्थित गांवों में पशुपालन को प्रोत्साहित करने व दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने हेतु वर्ष 2014-15 से मुख्यमंत्री द्वारा पंचायती वनों में मुख्यमंत्री चारागाह विकास योजना आरंभ की गईहै। योजना के अंतर्गत गढ़वाल मंडल की चिन्हित सौ वन पंचायतों के सरपंचों, प्रतिनिधियों को वन पंचायतों में चारागाह विकसित करने हेतु सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री दो लाख रुपये की धनराशि के चेक भी वितरित करेंगे। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के प्रबंधन में पंचायती वन होने के कारण इन वनों में विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के संरक्षण, संवर्द्धन, सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के लिए मुख्यमंत्री वन पंचायत सुदृढ़ीकरण योजना, मुख्यमंत्री चारागाह विकास योजना, राज्य वन विकास अभिकरण और जायका परियोजना क्रियान्वित की जा रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत वन पंचायतों में पौधारोपण, चारागाह विकास, फलदार पौधों का रोपण, जड़ी-बूटी रोपण, अग्नि सुरक्षा, मृदा एवं जल संरक्षण आदि कार्य कराए जा रहे हैं। पत्रकार वार्ता में दायित्वधारी कुंवर सिंह नेगी, प्रमुख वन संरक्षक व वन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।    

अधिवक्ताओं ने पुलिस पर उगला गुस्सा, अदालती कामकाज बाधित

नैनीताल, 16 नवम्बर(निस)। जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं ने जिला बार एसोसिएशन के उपसचिव भानु प्रताप मौनी पर हुए जानलेवा हमले को लेकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने उपसचिव पर हुए हमले को मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जबकि उन पर कातिलाना हमला हुआ।जिला बार एसोसिएशन के उपसचिव भानु प्रताप मौनी पर सात नवंबर को जानलेवा हमला हुआ था। अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ अदालती कामकाज का बहिष्कार करते हुए जिला अदालत परिसर में प्रदर्शन किया। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हरिसंकर कंसल के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस हमलावरों को बचा रही है। उन्होंने पुलिस की कारगुजारी की शिकायत डीएम और एसएसपी से करने का निर्णय लिया। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि पुलिस ने कातिलाना हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया और हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं की तो अदालती कामकाज का बहिष्कार किया जाएगा। इस मौके पर कैलाश जोशी. पंकज कुलोरा, बहादुर पाल, ओंकार गोस्वामी समेत अनेक अधिवक्ता शामिल रहे।

हमेशा नकाब पहनने वाली युवती ने आखिर क्यों हटाया नकाब..

नैनीताल, 16 नवम्बर(निस)। नकाब पहनकर जिंदगी की राहों में सधे कदमों से चलते हुए जब हुमा रुखसार सफलता के पायदान पर पहुचीं तो उन्होंने वहीं नकाब हटाकर सफलता की खुशी शिद्दत से महसूस की। रविवार को नैनीताल विवि टॉप करने के बाद ककुलाधिपति से सम्मान ग्रहण करते हुए उन्होंने नकाब उठाया। यही वह मौका था जब लोगों ने उनके चेहरे को पहली बार देखा। हमेशा नकाब में रहने वाले हुमा ने जब नैनीताल विवि की टॉपर बनने पर कुलाधिपति से मेडल प्राप्त किया तो उन्होंने बिना नकाब के सम्मान ग्रहण किया। आत्मविश्वास से लबरेज हुमा को देखकर हर कोई अभिभूत हो गया एमए गृह विज्ञान की टॉपर हुमा रुखसार ने सितारगंज निवासी हुमा रुखसार एमबीपीजी हल्द्वानी से एमए ग्रह विज्ञान में सर्वोच्च अंक हासिल कर कुलपति गोल्ड मेडल की हकदार बनी। हमेशा चेहरे पर नकाब पहनकर चलने वाली हुमा ने अपनी मेहनत की डिग्री पाने के लिए चेहरे का नकाब हटाया तो साथ में संदेश भी दिया कि अगर समाज की कमजोरियों को ताकत बनाकर चलें तो सफलता कदम चूमती है। हुमा के पिता मो. मिकाइल की छोटी सी  दुकान हैं। हुमा आठ भाई-बहनों में तीसरे नंबर की है। कुलाधिपति के हाथों मेडल प्राप्त करने के बाद सातवें आसमान पर पहुंची हुमा ने अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनकी मां अनीशा बेगम ग्रहणी है। उन्होंने बताया कि मां-बाप ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किया। हुमा हंसते हुए कहती हैं कि मेडल प्राप्त करने के बाद ही पहली बार लोगों ने उनका चेहरा देखा। कहा कि इस्लाम में शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया गया है। 

जन्मदिन पर मां ने मासूम को दिया ऐसा झ टका कि कलेजा मुंह को आ जाए... 

रुद्रपुर, 16 नवम्बर(निस)। बच्चे की अलाई-बलाई लेने वाली मां हर तकलीफ को बच्चे तक पहुंचने से पहले अपने ऊपर झेल जाती है। उसके कलेजे के टुकड़े पर कोई भी आंच न आ पाए, वह अपने आंचल में अपने लाल को छुपा लेती है। मगर कोई मां अपने लाल के जन्मदिन पर ही उसे दुनिया में लावारिश छोड़ दें, तो कलेजा मुंह को आना लाजिमी है। आइए जानते हैं ऐसी ही एक क्रूर मां की कहानी। शिमला निवासी सूरज का कल जन्मदिन था। अपने जन्मदिन पर हंसी-खुशी मां के साथ शिमला से निकला सूरज को नहीं मालूम था कि उसके क्य आगे क्या अनहोनी होने वाली है। उसकी मां उसके शिमला से रुदपुर बस अड्डे पर छोड़ गई। इसके बाद से मासूम सूरज की आंखें अपनी मां को तलाश रही है। मगर निष्ठुर मां का दिल नहीं पसीजा और वह लौट कर नहीं आई। 
सूरज हिमाचल की राजधानी शिमला के मोहल्ला पुजाली का रहने वाला है। उसने बताया कि उसके पिता राजू खत्री सेब के बागान में श्रमिक हैं। पुलिस को मुताबिक राजू और उसकी पत्नी सुषमा में अक्सर लड़ाई रहती है। वह पहले भी पति से अलग रहने का प्रयास कर चुकी है। शनिवार को सुषमा सूरज को लेकर शिमला से टनकपुर जाने वाली बस में बैठी। रविवार को सुषमा ने सूरज को रुद्रपुर रोडवेज डिपो पर छोड दिया। उसको अकेला देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शिमला पुलिस से संपर्क कर मासूम के पिता के बारे में जानकारी जुटाई। मगर सूचना मिली है कि उसका पिता भी बागान में काम छोड़ चुका है। कोतवाल जेसी पाठक ने बताया कि सूरज फिलहाल पुलिस के पास है। आज उसे एसडीएम कोर्ट में पेश कर बाल सुधारगृह भेज दिया जाएगा। उसके परिजनों से संपर्क करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
      
भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट कल होंगे बंद

गोपेश्वर, 16 नवम्बर (निस)। भू-बैकुंठ के नाम से विख्यात श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को कल सांय चार बजकर पैंतीस मिनट पर शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंदी के लिए तैयारियां पूरी कर दी गई है। इसके लिए श्री बदरीनाथ धाम को गेंदे के फूलों से सजाया गया है।कपाट बंदी के तहत कल प्रातरू पांच बजे हमेशा की तरह बदरीनाथ मंदिर के द्वार खोले जाएंगे। सबसे पहले भगवान बदरी विशाल का अभिषेक व महाभिषेक पूजाएं संपन्न कराई जाएंगी।इस दौरान भगवान का स्वर्ण आभूषणों के बजाय फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। इस दिन को फूल श्रृंगार दिन के नाम से भी जाना जाता है। परिक्रमा परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर से मां लक्ष्मी को बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी भगवान नारायण की पंचायत में आने का बुलावा भेजेंगे। नारायण पंचायत से कुबेर व उद्धव जी को बाहर लाने के बाद मां लक्ष्मी को नारायण के साथ विराजित किया जाएगा। मां लक्ष्मी के भगवान नारायण के साथ विराजमान होते ही सांय को चार बजकर पैंतीस मिनट पर भगवान बदरी विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद भगवान कुबेर, उद्धव जी की पालकी व शंकराचार्य की गद्दी पालकी को पांडुकेश्वर योगध्यान बदरी मंदिर में लाया जाएगा। यहां पर तीनों की पूजा अर्चना होगी। 18 नवंबर को योगध्यान बदरी मंदिर में कुबेर जी व उद्वव जी को विराजित करने के बाद शंकराचार्य की गद्दी को नृसिंह मंदिर जोशीमठ में लाया जाएगा। छह माह तक शंकराचार्य गद्दी की नृसिंह मंदिर जोशीमठ में ही पूजा अर्चना होगी।
       
अजब-गजब ठगने के बाद कहा, धन्यवाद, धोखेबाजों से रहे सावधान

हल्द्वानी, 16 नवम्बर(निस)। धोखेबाज से सावधान। ठगी से बचाने के लिए ये लाइन गाहे-बगाहे दिखती हैं। मगर कोई ठगने के बाद यह मैसेज छोड़ जाए तो चैकनें वाली बात तो है। ऐसा ही कुछ डहरिया के सत्याविहार निवासी सुभाष सिंह के साथ हुआ। एक जालसाल ने उनके मोबाइल एटीएम कोड पूछ उन्हें हजारों का चूना लगा दिया और फिर मैसेज छोड़ दिया कि धन्यवाद, धोखेबाज से सावधान रहें। प्राइवेट कंपनी में कार्यरत सुभाष के मोबाइल पर कल दोपहर एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कर्मचारी बताया। जालसाज ने सुभाष को उनके एटीएम ब्लॉक होने की सूचना दी और कहा कि इसे फिर से खोलने के लिए एटीएम कोड मांगा। सुभाष ने 16 नंबर कोड बता दिया।इसके बाद कॉलर ने कुछ देर में दूसरा कोड देने की बात कहकर फोन काट दिया। कुछ देर बाद सुभाष के मोबाइल पर बैंक से मैसेज आया। उन्हें लगा कि कोड बदल गया। मगर जब उन्होंने गौर से मैसेज देखा तो उनके होश फाख्ता हो गए। कुछ ही देर में उनके खाते से 14,300 रुपये निकाले जा चुके थे। उनका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता था जिसमें कुल 19,500 रुपये पडे थे। अब उन्हें मामला समझते देर नहीं लगी वे आनन-फानन एटीएम की ओर दौडे। उन्होंने खाते में बची रकम और मिनी स्टेटमेंट निकालकर कोतवाली में तहरीर दी। बैंक डिटेल के मुताबिक उनके खाते से चार बार में खरीदारी की गई, जिसमें पांच हजार, 48 सौ, चार हजार और 15 सौ रुपये से सामान खरीदा गया। सुभाष की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है।  

विरोध कर रहे पीएचडी धारकों को पुलिस ने लात-घूंसे से पीटा

हल्द्वानी, 16 नवम्बर(निस)। गेस्ट टीचर की भर्ती प्रक्रिया बाधित कर रहे वर्ष 2009 से पूर्व पीएचडी धारकों को पुलिस ने लात-घूंसों से पीट डाला। पीएचडी धारकों ने निदेशालय में ताले जड़ दिया था। इसके बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को थाने ले गई। सोमवार सुबह निदेशालय में गेस्ट टीचर की भर्ती प्रकिया चल रही थी। इस दौरान उत्तराखण्ड पीएचडी होल्डर्स एसोसिएशन के संयोजक डॉ. सुनील पंत के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी निदेशालय में घुस गए और हॉल के ग्रिल बन्द कर  दो ताले जड दिए। इससे वहां मौजूद अभ्यर्थियों और इंटरव्यू लेने वाले कार्मिकों में अफरा-तफरी मच गई। प्रदर्शनकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदिरा हृदयेश और विभाग के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। पुलिस ने आन्दोलनकारियों से ताला खोलने को कहा, मगर वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने ताले तोड़कर प्रदर्शनकारियों को बाहर खदेड़ दिया। और लात-घूंसे बरसाते हुए वाहन में ठूंस दिया। पुलिस ने डॉ.सुनील पंत, डॉ. देवेन्द्र रावत, डॉ. भगवती प्रसाद पंत, डॉ. प्रमोद सती, डॉ. अखिलेश नौटियाल और कुंजन पोखरिया को दौडा-दौडाकर पीटा। आक्रोशित पीएचडीधाकरों ने कहा कि उच्च शिक्षितों का यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर डॉ. वीरेंद्र बर्त्वाल, डॉ. अन्वेषा शाह, डॉ. रमनकुमार सिंह. डॉ. विनोद सिंह, डॉ. रोमा भंडारी, डॉ. दीप्ति गोयल समेत अन्य पीएचडीधारक मौजूद रहे।

हत्या का नहीं लगा सुराग, परिजनों ने लगाया एक घंटे जाम

रुद्रप्रयाग, 16 नवम्बर(निस)। बीते गुरुवार को व्यापारी शिवराज सिंह जगवाण की हुई हत्या की गुत्थी पुलिस अभी तक सुलझा नहीं पाई है। आक्रोशित परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर केदारनाथ तिराहे पर एक घंटे जाम लगाया। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में कोताही बरत रही है। बतातें चलें कि दिवाली के अगले दिन गुरुवार को भैंस गांव निवासी शिवराज सिंह का शव मंदाकिनी नदी के ऊपर झाडि़यों में मिला। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम जिला चिकित्सालय में कराया था। शव के सिर और चेहरे पर चोट के निशान थे। परिजनों ने शिवराज की हत्या की आशंका जताते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की थी। मगर इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले को सुलझाने में नाकाम रही है। इस वजह से आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम लगाकर विरोध दर्ज किया।

पंतनगर विवि के दीक्षांत समारोह में आएंगे प्रणव दा

रुद्रपुर, 16 नवम्बर(निस)। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचेंगे। इसके लिए प्रणव दा सेना के विशेष विमान से पहले बरेली के त्रिशूल हवाई अड्डे पहुंचेंगे। वहां से सेना के ही एमआइ 17 हेलीकॉप्टर से पंतनगर पहु्ंचेंगे। तीन घंटे पंतनगर में बिताने के बाद वे वाया बरेली दिल्ली रवाना हो जाएंगे। राष्ट्रपति के पंतनगर आने का बरेली जिला प्रशासन को मिनट टू मिनट कार्यक्रम मिल गया है। इस कार्यक्रम के मुताबिक राष्ट्रपति वायुसेना के बीबीजे विमान से 17 नवंबर को सुबह 10ः45 बजे दिल्ली से प्रस्थान करेंगे व 11ः35 बजे त्रिशूल एयर फोर्स स्टेशन पहुंचेंगे। यहां दस मिनट विश्राम के बाद वे सेना के एमआइ 17 हेलीकाप्टर से 11ः45 बजे पंतनगर के लिए रवाना होंगे। पंतनगर 12ः15 पर पहुंचने के बाद 12ः30 बजे दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे। इस दौरान राष्ट्रपति सवा घंटे दीक्षांत समारोह में मौजूद रहेंगे। इस मौके पर राष्ट्रगान व विश्वविद्यालय गान, कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह की कार्यवाही प्रारंभ करने की घोषणा, कुलपति द्वारा उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को दीक्षा, मुख्यमंत्री द्वारा आशीर्वचन, राष्ट्रपति द्वारा दीक्षांत भाषण के बाद कुलसचिव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रपति 3ः15 पर पंतनगर से त्रिशूल के लिए रवाना हो जाएंगे। वहां वे 3ः45 पर पहुंचेंगे। यहां दस मिनट रुकने के बाद वह 3रू55 पर दिल्ली रवाना हो जाएंगे। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन समेत विवि प्रशासन ने भी जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है।

राजभवन गोल्फ मैदान केा अत्याधुनिक एवं सुविधाजनक बनाया जायेगाः राज्यपाल 

देहरादून, 16 नवम्बर(निस)। राजभवन गोल्फ मैदान केा अत्याधुनिक एवं सुविधाजनक बनाया जायेगा। साथ ही गोल्फ के उत्कृष्ट खिलाडि़यांे को तैयार करने के लिये प्रशिक्षण दिये जाने की भी सुविधायें बढ़ायी जायेंगी। इस दिशा में प्रदेश के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाॅल द्वारा नई सोच के साथ गोल्फ मैदान को स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ ही अन्य गोल्फरों के अभ्यास के लिये खोल दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व इस गोल्फ मैदान में राष्ट्रीय स्तर की गोल्फ प्रतियोगितायें ही आयोजित हुआ करती थी। विगत अक्टूबर माह से स्कूली बच्चों के गोल्फ प्रशिक्षण हेतु इस ऐतिहासिक मैदान को खोल दिया गया है व स्कूल स्तर का टूर्नामेंट आयोजित कराया गया। गोल्फ मैदान को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने तथा हाईटैक बनाने के लिये सोमवार की प्रातः राज्यपाल द्वारा राजभवन गोल्फ क्लब के सदस्यों एवं बुजुर्ग गोल्फरों के साथ मैदान का मुआयना किया तथा उनके साथ विचार विमर्श कर उनके सुझाव व अनुभव साझा किये।  राजभवन गोल्फ क्लब कैप्टन हरीश चन्द्र साह ने बताया कि गोल्फ क्लब द्वारा स्कूली बच्चों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गोल्फ मैदान में अधिक से अधिक सुविधायें सृजित कर औेर अधिक टूर्नामेंट कराये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गोल्फ मैदान हेतु और अधिक मशीनें बढ़ाने के साथ ही अन्य संसाधन भी बढ़ाये जाने हैं ताकि हम गोल्फ खिलाडि़यों को अधिक से अधिक सुविधायें दे सकें। बैठक में न्यायाधीश जे.सी.एस रावत, सचिव राज्यपाल ए.के ढ़ौडियाल, सचिव गोल्फ क्लब डा0 योगेन्द्र सिंह रावत, आयुक्त ए.एस नयाल, सुधीर साह, ए.आर टण्डन, गीता साह, जी.एल साह, पी.एस बोरा, कमल त्रिपाठी, वेद साह, एच.एल साह,सहित अनेक गोल्फर उपस्थित थे। 

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