हैदराबाद 27 दिसंबर, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सरकार एवं नीति निर्माताओं को रोजगार के सृजन के साथ विकास की नीतियाँ अपनाने पर आज जोर दिया। श्री मुखर्जी ने प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयाेजित तीन दिवसीय भारतीय अर्थव्यवस्था संगठन के 98वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक लचीली अर्थव्यवस्था है। इसने न्यूनतम आर्थिक मंदी के साथ अमेरिकी वित्तीय संकट एवं यूरोजोन की अार्थिक अनिश्चितता को झेला है। उन्होंने कहा कि अब हमें इन अंतर्निहित क्षमताओं को भुनाते हुए देश में युवाओं के लिए रोजगार का सृजन करने की जरूरत है। आज के युवा अवसरों का इंतजार नहीं करते बल्कि इसका सृजन करते हैं और नये स्टार्ट अप्स की संख्या एवं उनका वार्षिक राजस्व इस दिशा में स्पष्ट संकेत देता है।
हमारे पास सुंदर पिचाई एवं सत्या नडेला जैसे लोग हैं जो हमारी शिक्षा व्यवस्था से निकले हैं और आज वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। श्री मुखर्जी ने कहा कि हमें घरेलू जमीन पर अपने युवाओं के लिए इसी तरह के रोजगार सृजित करने चाहिए और यही हमारे अर्थशास्त्रियों एवं नीति निर्माताओं के लिए इम्तहान होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ शिक्षा आज के वक्त की जरूरत नहीं है बल्कि कौशल विकास के साथ शिक्षा की गुणवत्ता अधिक महत्वपूर्ण है। यही युवाओं की रोजगार संभावना से सीधा जुड़ा हुआ है तथा इसीलिये कौशल विकास के साथ शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है।

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