नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, अगर परिवार के किसी सदस्य को गर्भाशय और स्तन कैंसर हुआ है तो अन्य सदस्यों के भी इसकी चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ऐसे 12 तरह के कैंसर है , जिनके अनुवांशिक रूप से होने की आशंका अधिक रहती है। अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संंस्थानों के ‘द कैंसर जीनोम एटलस प्रोजेक्ट ’ में शोधकर्ताओं ने कैंसर के चार हजार से ज्यादा मामलों में अनुवांशिक सूचनाओं का विश्लेषण किया और इस आधार पर कैंसर के अनुवांशिक कारकों का खुलासा किया। यह शोध नेशनल कम्यूनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
वरिष्ठ शोधकर्ता एवं वाशिंगटन विश्वविद्यालय में मैकडॉनेल जीनोम इंस्टीट्यूट के सहायक निदेशक ली डिंग ने कहा, “आम तौर पर हम जानते हैं कि गर्भाशय और स्तन कैंसर आनुवांशिक कारणों से होते हैं, जबकि एक्यूट मीलॉयड ल्यूकीमिया(एएमएल) और फेफड़ों के कैंसर में अनुवाशिंक कारकों की भूमिका बेहद कम होती है।” एएमएल में श्वेत रक्त कोशिका की वृद्धि असामान्य होती है, जिससे सामान्य रक्त कोशिका बनने में बाधा पैदा होती है।
उन्होंने कहा, “पहली बार बड़े पैमाने पर हमने उन वंशाणुओं(जीन्स) का पता लगाया है , जो कैंसर होने के लिए जिम्मेदार है।” इस शोध से कैंसर के खतरों का पता लगाने के लिए मौजूद अनुवांशिक परीक्षणों की सटीकता में सुधार करने में मदद मिलेगी। इन अनुवांशिक कारकों का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने स्वस्थ और ट्यूमर वाले मरीजों के उत्तकों की जांच की। जांच में ट्यूमर वाले मरीजों में मौजूद उत्तकों में हुए बदलावों से शोधकर्ताओं को कैंसर होने में भूमिका निभाने वाले महत्वपूर्ण वंशाणुओं का पता चला। कैंसर से जुड़े 114 वंशाणुओं से उन्हें सभी 12 तरह के कैंसर में जर्मलाइन म्यूटेशन का पता चला, जो वंशानुगत रूप से कैंसर के अहम कारक हैं।

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