सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (10 दिसम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (10 दिसम्बर)

मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण कार्यक्रम

sehore map
भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना अन्तर्गत मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रत्येक किसान को प्रदाय किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। म. प्र सरकार द्वारा इस योजना को अभियान के रूप में क्रियांन्वित किया जा रहा है। सीहोर जिले मे मृदा स्वास्थ्य जागरूकता एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण कार्यक्रम का आयोजन दिनाॅक 12/12/2015 को कृषि विज्ञान केन्द्र सेवनियाॅ जिला - सीहोर में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल ंिसह जी, विधायक गण, विभागीय अधिकारी, कृषि महाविद्यालय सीहोर व भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक तथा कृषक उपस्थित होकर मृदा स्वास्थ्य के विषय पर संवाद करेंगें। खाद्यान्न की दिनों दिन बढती मांग तथा उसकी पूर्ति हेतु मिट्टी पर दबाब बढ रहा है। मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों का दोहन बहुत तेजी से हो रहा है। परिणाम स्वरूप मिट्टी का स्वास्थ्य कमजोर पड रहा हैै मिट्टी परीक्षण के प्राप्त आॅकडो से स्पष्ट है कि फसलों हेतु आवष्यक मुख्य पोषक तत्वों नत्रजन, फास्फोरस व पोटाष की भारी कमी हमारे यहाॅ की मिट्टी में परिलक्षित हो रही है। साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्वों सल्फर व लोहा की भी कमी पायी गयी है। इन पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति के लिए किसानो द्वारा रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जा रहा हैं। किन्तु मृदा में इन पोषक तत्वों की उपलब्धता का ज्ञान कृषकों को न होने के कारण उर्वरकों का असंतुलित उपयोग हो रहा है।  परिणामस्वरूप जहाॅ एक और मृदा के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड रहा है वही दूसरी ओर महंगे रासायनिक उर्वरकों का फसल उत्पादन हेतु पूरा उपयोग नही हो पा रहा है। दिनो दिन रासायनिक उर्वरकों की मांग में बढोत्तरी हो रही है किन्तु फसलों की उत्पादकता में इसका विषेष प्रभाव दिखाई नही दे रहा है। मृदा में पोषक तत्वों के स्तर का ज्ञान कृषकों को होना अति आवष्यक है जिससे फसल विषेष हेतु अनुसंषित उर्वरकों की मात्रा का उपयोग उनके द्वारा किया जा सकें। योजना के अन्तर्गत मृदा परीक्षण का कार्य वर्ष 2017 तक पूर्ण किया जाना है। मृदा परीक्षण कार्य का उत्तरदायित्व किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को सौंपा गया है। फसल विषेष हेतु उर्वरकों की अनुसंसा एवं अन्य तकनीकी मार्गदर्षन का कार्य जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र करेंगें। इस वर्ष किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जिले में 33 प्रतिषत गाॅवों का चयन कर मृदा नमूना एकत्र करने व उनका परीक्षण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड कृषकों को वितरित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मृदा परीक्षण हेतु कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि महाविद्यालय, मंडी बोर्ड, इफको, कृभकों, एन.एफ.एल आदि में उपलब्ध मिट्टी परीक्षण प्रयोगषालाओं का उपयोग किया जावेगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड में 12 मापदण्डों की जाॅच का निर्धारण किया गया है जिसमें मुख्य व सूक्ष्म पोषक तत्वों के स्तर की जानकारी के साथ - साथ पी.एच, ई.सी व कार्बन की मात्रा का भी उल्लेख किया जाना है। मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के स्तर के अनुसार फसल विषेष हेतु उर्वरकों के उपयोग हेतु विकल्प सुझाये गये है।  मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में कृषकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बेहतर मृदा जाॅच हेतु मिट्टी का नमूना वैज्ञानिक विधि से लिया जाना अति आवष्यक है। मृदा नमूना एकत्रीकरण का कार्य ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी व कृषक मित्रों द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। अतः कृषक भाई यह सुनिष्चित करें कि उनके खेत से मिट्टी का नमूना वैज्ञानिक विधि से किया जावें। मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई अनुसंसा अनुरूप उर्वरकों के उपयोग से न केवल उत्पादकता मे वृद्वि होगी बल्कि उत्पादन लागत में कमी के साथ - साथ मृदा स्वास्थ्य बेहतर रह सकेगा। 12/12/2015 कों कृषि विज्ञान केन्द्र सेवनियाॅ में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में कृषक भाई पहुॅच कर अपना ज्ञान वर्धन करें। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रमुख श्री जे.के.कनौजिया द्वारा अवगत कराया गया है कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा लगभग 1500 मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार किए गये है। जिसमें समस्त पाॅचों विकासखण्डों के कुल 28 ग्रामों से नमूना एकत्र कर उनकी जाॅच की गई है। तैयार मृदा स्वास्थ्य का वितरण एवं मृदा स्वास्थ्य संबन्धी अन्य समस्याओं का समाधान भी इस कार्यक्रम में किया जाना प्रस्तावित है। 


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