देश में बने सीमा की रक्षा के अस्त्र शस्त्र : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


रविवार, 3 जनवरी 2016

देश में बने सीमा की रक्षा के अस्त्र शस्त्र : मोदी

arms-should-be-made-in-the-country-to-protect-the-border-modi
तुमकुर (कर्नाटक) 03 जनवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमाओं की रक्षा के लिए अस्त्र शस्त्र देश में बनाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि इसके लिए विदेशों पर निर्भरता समाप्त होनी चाहिए। श्री माेदी ने हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की 75 वें स्थापना दिवस पर यहां हेलिकाॅप्टर कारखाने का शिलान्यास करने के बाद आयोजित एक समारोह में कहा कि एक समय देश में खाने के लिए अनाज बाहर से लाना पड़ता था। 

विदेशों से अनाज मंगा कर पेट भरना पड़ता था लेकिन जब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री ने ‘जय जवान जय किसान’ का मंत्र दिया और किसानों को देश का पेट भरने के लिए प्रेरित किया तो उन्होंने पिछले 50 साल में जबरदस्त मेहनत की और देश अन्‍न के मामले में स्‍वावलंबी बन गया। उन्होंने कहा कि अन्‍न के क्षेत्र में तो देश स्वावलंबी बन गया है लेकिन दूसरा काम ‘जय जवान’ है, जिससे देश रक्षा के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर और स्‍वावलंबी बने तथा भारत को अपनी रक्षा के लिए दुनिया में किसी पर भी आश्रित नहीं रहना पड़े, यह काम अभी देश में होना बाकी है।

कोई टिप्पणी नहीं: