मास्को, 03 जनवरी, रूस ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित नयी रिपोर्ट में अमेरिका को खतरा घोषित किया है। रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिका से खतरे की बात राष्ट्रीय सुरक्षा की नये आकलन रिपोर्ट में कही गयी है, जिस पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भी हस्ताक्षर हैं। शीत युद्ध के बाद से ही दो विपरीत ध्रुवों पर बरकरार रूस और अमेरिका के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में और भी कड़वाहट आई है। “रूसी संघ की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी रणनीति” नाम से जारी एक दस्तावेज में अमेरिका, नाटो और उसके अन्य सहयोगियों पर दुनिया भर में दबदबा बढ़ाने का प्रयास करने की बात कही गई है। पहले जारी दस्तावेज में अमेरिका या नाटो का उल्लेख नहीं था। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्ताक्षर के बाद जारी नया दस्तावेज वर्ष 2009 में अमल में आए पुराने दस्तावेज की जगह लेगा। रूस की सुरक्षा नीतियां अब इसी आधार पर बनाई जाएंगी।
दस्तावेज के अनुसार “अंतरराष्ट्रीय समस्याओं और टकराव का समाधान निकालने के लिए रूस ने अपनी भूमिका को बढ़ाया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पैदा नए खतरे को देखते हुए रूस को मजबूत किया जा रहा है। ये समस्याएं जटिल और आपस में जुड़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर स्वतंत्र नीति अपनाने से अमेरिका एवं उसके सहयोगी जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। वे वैश्विक मामलों में अपना प्रभुत्व बरकरार रखने के लिए प्रयासरत हैं। इस वजह से राजनीतिक, आर्थिक और जानकारी हासिल करने का दबाव बढ़ने की संभावना है।”
मार्च 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद से पश्चिमी जगत के साथ रूस के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं और फिर सीरियाई राष्ट्रपति बसर अल असद के समर्थन में रूसी हस्तक्षेप ने तो आग में घी का काम किया है। दस्तावेज में रूस ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर यूक्रेन में असंवैधानिक तरीके से तख्ता पलट कराने का आरोप लगाया गया है और इसके साथ ही नाटो के विस्तार और अमेरिका द्वारा रूस के पड़ोसी मुल्कों में सैन्य और जैव प्रयोगशालाएं स्थापित करने का जिक्र भी है।

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