नयी दिल्ली, 31 दिसंबर, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने दरभंगा से सांसद कीर्ति आजाद के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित क्यों न कर दिया जाए। भाजपा ने श्री आजाद को हाल ही में पार्टी से निलंबित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि श्री अाजाद को दस दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है। श्री आजाद से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। श्री आजाद को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) में कथित अनियमितताओं के मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए पार्टी से निलंबित किया गया था।
कारण बताओ नोटिस में डीडीसीए में अनियमितताओं का जिक्र नहीं किया गया है। नोटिस पूर्व क्रिकेटर की पार्टी विरोधी गतिविधियों पर केन्द्रित है। पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद श्री आजाद ने सवाल किया था कि किस आधार पर पार्टी ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जबकि वह वर्ष 2008 से डीडीसीए का मुद्दा उठा रहे है। वरिष्ठ पार्टी नेता मुरली मनोहर जोशी के आवास पर हुई एक बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने श्री आजाद के प्रति सहानुभूति जताई थी। श्री आजाद पिछले कई सालों से डीडीसीए में भ्रष्टाचार की बात करते रहे हैं लेकिन हाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा श्री जेटली पर इस मामले में आरोप लगाये जाने के बाद उन्होंने फिर से यह मुद्दा उठाया और पार्टी नेतृत्व की मनाही के बावजूद एक संवाददाता सम्मेलन कर वित्त मंत्री से कई सवाल पूछे।
पहले भाजपा के संगठन मंत्री रामलाल और फिर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें मामले को आगे न बढ़ाने की सलाह दी थी लेकिन वह नहीं माने और संवाददाता सम्मेलन बुलाया। उन्होंने संसद में भी इस मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय की देखरेख में एसआईटी के गठन की मांग की थी। इसके मद्देनजर उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद भी श्री आजाद चुप नहीं हुए और उन्होंने फिर से प्रेस कांफ्रेंस कर श्री जेटली ओर पार्टी के एक अन्य सांसद अनुराग ठाकुर पर भी सवाल उठाये।
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