लंदन 18 जनवरी, पेट्रोलियम निर्यातक देशों के प्रमुख संगठन ओपेक द्वारा आज जारी रिपोर्ट में इस साल गैर-ओपेक देशों में पहले के अनुमान से ज्यादा उत्पादन घटने की बात कहे जाने के बाद कच्चा तेल वर्ष 2003 के बाद के निचले स्तर से उबरने में कामयाब रहा। ओपेक ने रिपोर्ट में कहा है “विश्लेषणों से संकेत मिलते हैं कि 2016 में बाजार आपूर्ति आधारित रहेगा। यह (कीमतों में) संतुलन की प्रक्रिया शुरू होने का साल भी होगा।” उसने कहा है कि इस साल गैर-ओपेक देशों में कच्चा तेल का उत्पादन छह लाख 60 हजार बैरल प्रतिदिन घट जायेगा। इसमें सबसे ज्यादा गिरावट अमेरिका में आयेगी। यह अनुमान ओपेक द्वारा पहले जारी तीन लाख 80 हजार बैरल प्रतिदिन की गिरावट से बहुत ज्यादा है।
इस बयान के बाद कच्चा तेल में उछाल देखा गया। सुबह सिंगापुर में कारोबार के दौरान साल 2003 के बाद के निचले स्तर 27.67 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़कने वाला ब्रेंट क्रूड लंदन में पिछले कारोबारी दिवस की तुलना में 33 सेंट चढ़कर 29.28 सेंट प्रति बैरल पर पहुँच गया। सिंगापुर में 2003 के बाद पहली बार 28.36 डॉलर प्रति बैरल तक उतरने वाला अमेरिकी क्रूड वायदा भी लंदन में 23 सेंट ऊपर 29.65 डॉलर प्रति बैरल बोला गया। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि कच्चा तेल पर अतिआपूर्ति का दबाव अब भी बना हुआ है। पश्चिमी देशों द्वारा निर्यात पर से प्रतिबंध हटाये जाने के बाद ईरान ने कहा है कि वह तत्काल अपना उत्पादन पाँच लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ायेगा। इससे सुबह कच्चा तेल दबाव में रहा था। ओपेक ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगले छह महीने तक कीमतें लगातार कम बनी रह सकती हैं। इसके अलावा ईरान से बढ़ने वाले उत्पादन के बारे में इस रिपोर्ट में कुछ भी नहीं कहा गया है। रिपोर्ट में गैर-ओपेक देशों में उत्पादन में जितनी कमी आने की बात कही गयी है उसकी तीन-चौथाई मात्रा में ईरान ने आपूर्ति बढ़ाने की बात कही है।

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