मुंबई 18 जनवरी, रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने आज बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक कर जोखिम में फँसी परिसंपत्तियों का भार कम करने की दिशा में बैंकों द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों की समीक्षा की। केंद्रीय बैंक ने बताया कि बैठक में जोखिम में फँसी परिसंपत्तियों के प्रबंधन में आ रही चुनौतियों के बारे में भी चर्चा हुई। साथ ही इसके लिए आरबीआई द्वारा पिछले कुछ समय में बैंकों को उपलब्ध कराये गये साधनों तथा नियामकों में बदलावों की उपयोगिता की समीक्षा की गयी।
इसमें ज्वाइंट लेंंडर फॉरम प्रक्रिया, दीर्घावधि परियोजना ऋण के लिए फ्लेक्सिवल रिस्ट्रक्चरिंग, रणनीतिक ऋण पुनर्गठन योजना तथा परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को बैंकों द्वारा परिसंपत्ति की बिक्री के नियमों की समीक्षा की गयी। आरबीआई ने बताया कि बैठक में बैंकिंग तंत्र द्वारा इन साधनों के इस्तेमाल के तरीकों तथा इन्हें अधिक प्रभावी बनाने के लिए जरूरी सुधारों पर भी चर्चा हुई। उसने बताया कि बैठक में कई सुझाव सामने आये जिन पर आगे विचार किया जायेगा। श्री राजन के अलावा आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर. गाँधी और एस.एस. मुंद्रा तथा संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

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