नयी दिल्ली.31 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकट के समय में किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि वह अगले दो साल में 50 फीसदी किसानों को इस योजना से जोड़ना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें लोगों की मदद चाहिए। श्री मोदी ने नए साल में पहली बार आकाशवाणी से प्रसारित अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि आपदा किसान का सबसे बड़ा संकट है। एक ही प्राकृतिक आपदा में उसकी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है और उसका पूरा साल बर्बाद हो जाता है। किसान को इस बर्बादी से बचाने के लिए सरकार ने इस साल ‘प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना’ के रूप में एक बहुत बड़ा तोहफ़ा किसानों को दिया है। उन्होंने कहा कि फ़सल बीमा की प्रीमियम की दर बहुत कम कर दी गयी है। नयी बीमा योजना में किसानों के लिये प्रीमियम की अधिकतम सीमा खरीफ़ की फ़सल के लिये दो प्रतिशत और रबी की फ़सल के लिए डेढ़ प्रतिशत होगी। उनका मकसद किसान को फायदा पहुंचाना है और वह चाहते हैं कि किसान को फसल बीमा का तत्काल लाभ मिले।
श्री मोदी ने कहा कि सालों से फ़सल बीमा की चर्चा हो रही है, लेकिन अब तक देश के 20-25 प्रतिशत से ज़्यादा किसानों इससे नहीं जोडा जा सका है। उन्होंने देश के लोगों का आह्वान किया कि वे संकल्प लें कि अगले दो साल में देश के 50 प्रतिशत किसानों को फ़सल बीमा से जोड़े। उनका कहना था कि यदि किसान इस योजना से जुड़ता है तो उसे संकट के समय इससे बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस बहाने विपक्षी दलों पर भी हमला किया और कहा, “देश में किसानों के नाम पर बहुत-कुछ बोला जाता है, बहुत-कुछ कहा जाता है लेकिन वह इस विवाद में नहीं उलझना चाहते और न ही यह चाहते हैं कि उनकी योजना की तारीफ़ हो, वाहवाही हो, प्रधानमंत्री को बधाइयाँ मिलें।”
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