- हैदराबाद में दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की मौत के जिम्मेवार केंद्रीय मंत्रियों को हटाने के सवाल पर पटना में नागरिक प्रतिवाद मार्च
पटना 19 जनवरी 2016, हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित शोध छात्र रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले भाजपा-एबीवीपी के नेताओं पर कार्रवाई और इसमें संलिप्त केंद्रीय मंत्रियों के हटाने के सवाल पर आज पटना में छात्र-युवा-संस्कृतिकर्मी, वाम-लोकतांत्रिक व नागरिकों ने प्रतिवाद मार्च निकाला. मार्च रेडियो स्टेशन से आरंभ होकर कारगिल चैक तक गया, जहां पर एक प्रतिरोध सभा का भी आयोजन किया गया.
प्रतिवाद मार्च में मुख्य रूप से भाकपा-माले के महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, सीपीआईएम के नेता काॅ. अरूण कुमार मिश्रा, पटना विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के शिक्षक प्रो. नवल किशोर चैधरी, पटना के जाने माने चिकित्सक डाॅ. पीएनपी पाल, अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव काॅ. राजाराम सिंह, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की महासचिव काॅ. मीना तिवारी, रसोइया संघ की अध्यक्ष सरोज चैबे, शशि यादव, एआइपीएफ के संतोष सहर, माले के राज्य कमिटी सदस्य अभ्युदय, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, हिरावल के संतोष झा व अभिनव, कोरस की समता, प्रीति के अलावा विनीत आदि ने भाग लिया.
माले महासचिव ने कहा कि भाजपा, संघ परिवार व एबीवीपी न केवल सामाजिक विभेद को बढ़ा रहे हैं बल्कि राजनीतिक गुंडागर्दी पर उतारू हो गये हैं. पूरे देश में लगातार साहित्यकारों, शिक्षकों, अल्पसंख्यकों-दलितों पर हमले हो रहे हैं, उनकी हत्या हो रही है, विरोध की हर आवाज को राष्ट्रद्रोही कहकर प्रताडि़त किया जा रहा है. अभी कुछ दिन पहले चेन्नई में अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल को राष्ट्रद्रोही घोषित करके भंग कर दिया गया, इस बार हैदराबाद विश्वविद्यालय में ‘मुजफ्फरनगर बाकी है’ फिल्म का दिखलाने वाले दलित छात्रों पर भाजपा के छात्र संगठन एबीभीपी द्वारा हमला किया गया. इस हमले के बाद एबीभीपी के दबाव में सिकंदराबाद के भाजपा एमपी व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और एमएचआरडी मंत्रालय के दबाव में विश्वविद्यालय के कुलपति ने इन 5 छात्रों को न केवल वि.वि. से सस्पेंड किया, बल्कि हाॅस्टल व मेस से उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया. इसमें दो केंद्रीय मंत्रियों की प्रत्यक्ष संलिप्तता है. इन मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने के सवाल पर पूरे देश में प्रतिवाद मार्च आयोजित किये जा रहे हैं. देश के संविधान, लोकतंत्र पर बढ़ते हमले के खिलाफ आज व्यापक वाम-लोकतांत्रिक एकता की जरूरत है.
प्रो. नवल किशोर चैधरी ने कहा कि लोकतंत्र, हमारे अधिकारों पर यह जो भाजपाइयों द्वारा सुनियोजित हमला है, इसके खिलाफ पूरे देश में व्यापक आंदेालन चल रहा है. हम इस आंदोलन से अपनी पूरी एकजुटता जाहिर करते हैं. सीपीआईएम के नेता अरूण कुमार मिश्रा ने कहा कि हम रोहित वेमुला को श्रद्धांजलि देते हैं. रोहित के लिए न्याय मांग रहे छात्र आंदेालन पर दिल्ली में की गयी बर्बर कार्रवाई शर्मनाक है. भाजपा सरकार पूरी तरह से फासीवादी रास्ते पर है और न्याय की हर आवाज को कुचल देना चाहती है. उनकी यह कोशिश पूरी तरह नाकामयाब रहेगी. प्रतिरोध सभा को डाॅ. पीएनपी पाल और राजाराम सिंह ने भी संबोधित किया, जबकि इसका संचालन मीना तिवारी ने किया.

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