विचार : बिजली व उर्जा बचाने का आहवान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 3 जनवरी 2016

विचार : बिजली व उर्जा बचाने का आहवान

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प्रतिश्ठित एवं वरिश्ठ आयकर व्यवसायी तथा भारत विकास परिशद् के राश्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण श्री रमेष गोयल ने बिक्रीकर बार एसोसिएषन द्वारा आयोजित नव वर्श अभिनन्दन कार्यक्रम में नव वर्श की षुभकामनाओं के साथ बिजली व उर्जा बचाने का आहवान किया। अपने जन जागरण अभियान में उन्हांेने उपस्थित सदस्यों से ही नहीं जन साधारण से भी अपील की है कि बड़े बल्बों की बजाय एलईडी बल्बों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि ‘बूंद बूंद से घट भरता है’ का ध्यान करें और टी.वी., कम्प्यूटर, लैपटाप, चार्जर यूपीएस, प्रिन्टर आदि का जब प्रयोग ना हो मुख्य बटन से बन्द करें। उन्हांेने कहा कि ऊपर से विद्युत सम्लाई जारी रहने से बिजली की कुछ खपत होती रहती है जिससे सैंकड़ांे यूनिट वर्श भर में बिना कारण बरबाद हो जाते हैं और हजारों रूपया वार्शिक बिल भी बढ़ता है। कभी कभी रात को चार्जिंग पर लगे मोबाईल की बैटरी गर्म होकर फट जाती है और दुर्घटना का कारण बनती है। यह न सोचें कि मेरे एक से क्या फर्क पड़ता है। 

यदि हम मिलकर ध्यान करेंगे तो करोड़ों यूनिट बिजली की बचत होगी और अरबों रूपया बचेगा। श्री गोयल ने अपील की है कि छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर हम देष के संसाधनों को व अपने धन को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक बार विख्यात उद्योगपति रतन टाटा अपने कुछ इंजिनियरों के साथ जर्मनी के एक रेस्त्रां में खाना खाने गए हुए थे और कुछ खाना बचा हुआ छोड़कर जब उठने लगे तो दूसरी मेज पर खाना खा रही कुछ महिलाएं वहां आ गईं और उनसे भोजन झुठा छोड़ने पर आपति की। उन्होंने कहा कि हमने इसका भुगतान कर दिया है तो उन महिलाओं ने कहा कि आपने बिल भुगतान रेस्त्रां मालिक को किया है परन्तु आपको हमारे देष के संसाधनों को बर्बाद करने का हक नहीं है। पुलिस बुला ली गई और उन्हंे जुर्माना देना पड़ा। ऐसी स्थिति न आए इसलिए स्वयं जागरूक बनंे। 

उन्हांेने कहा कि देष व समाज को आगे बढ़ाने में अपना अमुल्य सहयोग करें। पर्यावरण सुधार व निरन्तर बढ़ते तापमान को रोकने में इससे सहायता मिलेगी। उन्हांेने सौर उर्जा उपकरणों  का प्रयोग बढ़ाने का भी अनुरोध किया और कहा कि इस वर्श दिसम्बर में सर्दी न होना षुभ संकेत नहीं है बल्कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है जो पूरे विष्व के लिए चिन्तनीय है। ऐसी भयावह होती स्थिति से निपटने के लिए ही फ्रांस में गत मास 196 देषों का षिखर सम्मेलन हुआ था। सौर उर्जा उपकरणों पर सरकार की ओर से सबसीड़ी भी दी जा रही है, उसका लाभ उठायें तथा देष व समाज की समस्याओं को कम करने में अपना सहयोग करें।

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