पंजाब के पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर आज तड़के करीब साढ़े 3 बजे पाकिस्तानी आतंकियों के एक ग्रुप ने हमला किया। सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच 5 घंटे से भी अधिक समय तक चली मुठभेड़ में 4 आतंकी ढेर हो गए जबकि 3 जवान शहीद तथा 6 जवान घायल हो गए। सूत्रों ने बताया कि 4-5 आतंकी सेना की वर्दी में घुसे थे, इस हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है। पठानकोट आतंकी हमले को लेकर रक्षा मंत्रालय की बैठक, इस बैठक में रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा सचिव, तीनों सेना थल, जल और वायु के अध्यक्ष शामिल। एक आतंकी ने पाकिस्तान में फोन पर मां से बात की, आतंकी की मां ने अपने बेटे से कहा, मरने से पहले खाना खा लेना। सुरक्षा एजेंसी ने रात 12:35 बजे 4 इंटरनेशनल फोन कॉल इंटरसेफ्ट किया था।
पठानकोट आतंकी हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा, हम आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ हैं, आंतक के खिलाफ लड़ाई हम भारत के साथ हैं। पाकिस्तान ने आतंकी हमले की जगह आतंकी घटना लिखा। गृह मंत्री ने कहा, आतंकी हमले की पहले आशंका थी, उन्होंने कहा, हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि आईएसआई, जैश, हिज्बुल और बब्बर खालसा के बीच पिछले साल दिसंबर में मीटिंग हुई थी। आईएसआई ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में आतंकी हमले तेज करने के निर्देश दिये थे। आईएसआई ने आतंकी संगठनों को पैसे दिये थे।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक संबंधी घटनाक्रम के आधार पर सेना सतर्क हो गई थी और हमले से पहले ही पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर दो कॉलम तथा विशेष बलों के दल को तैनात कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि एनएसजी की टीम भी आतंकी साजिश को नाकाम करने के लिए तैयार थी। इसके अलावा सेना और वायु सेना के यूएवी (मानव रहित विमान) भी सक्रिय कर दिए गए थे ताकि सूचनाएं मिल सकें। पुलिस ने बताया कि कल चक्की नदी और वायु सेना स्टेशन के बीच के हिस्से में सेना ने तलाशी अभियान चलाया था जिसके तत्काल बाद यह हमला हुआ।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, आतंकी वायु सेना स्टेशन के तकनीकी इलाके में प्रवेश नहीं कर पाए जहां कई कार्यालय और एमआईजी-21 लड़ाकू विमानों का बेस है। बृहस्पतिवार की रात को सेना की वर्दी पहने कुछ सशस्त्र लोगों ने पंजाब पुलिस के एक एसपी का अपहरण कर लिया था जिसके बाद हमले की आशंका के चलते सुरक्षा प्रतिष्ठान पहले ही अलर्ट पर था। हमलावरों ने अधिकारी को वाहन से उतारने से पहले पीटा था। उन्होंने एसपी के मित्र राजेश पर घातक हमला किया था। हमले के बाद पठानकोट और गुरदासपुर जिले के सीमाई इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया गया। विशेष बलों के अलावा सेना ने कल (शुक्रवार) रात (करीब 50 जवानों) दो कॉलम भी भेजे थे।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि आज के अभियान में सेना के एक ब्रिगेडियर और एनएसजी के मुख्य हमला दल ने विशेष बलों के सहयोग से समन्वय किया। बलों को मजबूती देते हुए सेना के दो अतिरिक्त कॉलम भी तैनात किए गए। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान हेलीकॉप्टर और यूएवी भी तैनात किए गए।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और राज्य पुलिस के डीजीपी सुरेश अरोड़ा पठानकोट के लिए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री बादल के सलाहकार और शिरोमणि अकाली दल महासचिव हरचरण सिंह बैंस ने कहा, मुख्यमंत्री पठानकोट के लिए रवाना हो गए हैं। उनके साथ पंजाब पुलिस के डीजीपी भी गए हैं। हमले के मद्देनजर पंजाब को अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है जबकि समीपवर्ती हरियाणा और दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पठानकोट-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। आतंकी हमले की खबर फैलते ही स्थानीय लोग दहशत में आ गए।
दिल्ली में एक सूत्र ने बताया कि हमले की आशंका के चलते पहले से ही सतर्क सुरक्षा कर्मियों ने हमलावरों का जमकर मुकाबला किया जिससे आतंकी वायु सेना स्टेशन के अंदर नहीं घुस पाए। वे लोग बाहर लैंगर एरिया तक ही पहुंच पाए। सू़त्रों ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ समन्वित जवाबी अभियान चलाया गया जिस पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने नजर रखी।
पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबल संभावित 5वे आतंकी की तलाश कर रहे हैं ताकि ज्यादा नुकसान न हो पाए। उन्होंने बताया कि भारी मात्रा में आरडीएक्स लिए आतंकियों ने वायु सेना स्टेशन में पीछे से प्रवेश किया जहां जंगल है। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना स्टेशन में हेलीकॉप्टर और अन्य उपकरण पूरी तरह सुरक्षित हैं। पुलिस के मुताबिक, वायु सेना स्टेशन का तकनीकी इलाका भी सुरक्षित है। पूरे इलाके को घेर लिया गया है।

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