नयी दिल्ली,29फरवरी, भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) को जल्दी ही कानूनी दर्जा मिल जाएगा। इसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करने के मौके पर इसकी घोषणा की। उन्हाेंने कहा कि सरकारी खजाने से दिया जाने वाला लाभ बिना किसी गड़बड़ी के उन लोगों तक सीधे पहुंच जाे इसके असली हकदार है। चूंकी ऐसी मदद सीधे आधार से जुडे बैंक खातों में जा रही है इसलिए सरकार कानूनी दर्जा देकर इसे पूरी तरह सशक्त बनाना चाहती है।
उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिनों पहले अपने फैसले में कहा था कि सरकारी योजनाआें का लाभ लेने के लिए
आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता क्योंकि ऐसा कोई कानून मौजूद नहीं है। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के इस फैसले को ध्यान में रखते हुए बाकायदा ससंद में विधेयक लाकर इस संबंध में कानून बनाए जाने की बात कही है। देश के नागरिकों को विशिष्ठ पहचान संख्या जारी करने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जनवरी 2009 में योजना आयोग के अधीन यूआईडीएआई का गठन किया था।
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