नयी दिल्ली 29 फरवरी, सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प व्यक्त करते हुए 2016-17 के बजट में कृषि एवं किसानों के कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट पेश करते हुये कहा कि सरकार का इरादा जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना, सिंचाई के लिए नए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, उर्वरक के संतुलित उपयोग के साथ मृदा उर्वरता को संरक्षित करना एवं कृषि से बाजार तक संपर्क मुहैया कराना है। चौदह करोड 10 लाख हेक्टेयर खेती वाले क्षेत्रों में से केवल छह करोड 50 लाख हेक्टेयर ही सिंचित हैं। इस बारे में 'प्रधानमंत्री सिंचाई योजना' की घोषणा की जिससे कि अन्य 28.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के लिए मिशन मोड में क्रियान्वित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एआईबीपी के तहत 89 परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक किया जाएगा जिससे अतिरिक्त 80.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाया जाएगा। उन्होंने इन परियोजनाओं में से 23 को 31 मार्च 2017 से पहले पूरा करने का वादा किया। इन परियोजनाओं के लिए अगले वर्ष 17 हजार करोड़ रुपए और अगले पांच वर्षों में 86,500 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की प्रारंभिक राशि से नाबार्ड के तहत एक समर्पित दीर्घकालीन सिंचाई निधि बनाई जाएगी। इसके अलावा छह हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से भूजल संसाधनों के प्रबंधन के लिए भी एक कार्यक्रम बनाया जाएगा।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने मार्च 2017 तक सभी 14 करोड़ कृषि जोतों के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह किसानों को उर्वरक का उचित उपयोग करने में सहायक होगा। उर्वरक कंपनियों के 2,000 मॉडल खुदरा विक्रय केंद्रों को अगले तीन वर्षों में मृदा एवं बीज परीक्षण सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जैविक खेती के तहत पांच लाख एकड़ वर्षा जल क्षेत्रों को लाने के लिए 'परंपरागत कृषि विकास योजना' की घोषणा की गयी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 'जैव मूल्य श्रृंखला विकास योजना' प्रारंभ की गयी है जिससे कि उनके जैव उत्पादों को घरेलू एवं निर्यात बाजार प्राप्त हो सकेगा। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि इस वर्ष 14 अप्रैल को डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मदिवस पर एकीकृत कृषि विपणन ई-मंच राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। सभी किसानों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए तीन विशिष्ट पहलों की घोषणा की गयी जिसमें खरीदारी का विकेन्द्रीकरण, एफसीआई के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी प्रणाली और दालों की खरीदारी के लिए प्रभावी प्रबंध करना शामिल है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन को अधिक लाभकारी बनाने के लिए पशुधन संजीवनी, नकुल स्वास्थ्य पत्र, उन्नत प्रजनन प्रौद्योगिकी, ई-पशुधन हॉट और देसी नस्लों के लिए राष्ट्रीय जीनोमिक केन्द्र की स्थापना करने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं में अगले कुछ वर्षों के दौरान 850 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। श्री जेटली ने ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को ग्रांट इन एड के रूप में 2.87 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा की। ऐसा 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार किया है और यह राशि पिछले पांच वर्ष की तुलना में 228 प्रतिशत अधिक है। दीन दयाल अंत्योदय मिशन को प्रत्येक सूखाग्रस्त विकास खंड में और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को ऐसे ही जिलों में शुरू किया जाएगा।
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