बिहार : देश को गुमराह करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री इस्तीफा दो! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

बिहार : देश को गुमराह करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री इस्तीफा दो!

  • पटना में छात्र-युवा-संस्कृतिकर्मियों और नागरिकों की प्रतिरोध सभा ने कहा - कैंपसों व लोकतंत्र को खत्म कर देने की संघियों की साजिश नहीं होगी कामयाब, 
  • पटना वि.वि. गेट पर आयोजि सभा में रोहित वेमुला व जेएनयू के छात्र नेताओं को न्याय देने उठी आवाज
  • प्रो. संतोष कुमार, भारती एस कुमार, प्रो. डेजी नारायण, प्रो. विनय कंठ, प्रो. शरदेन्दु, सुशीला सहाय सहित शामिल हुए कई बुद्धिजीवी, माले नेता काॅ. धीरेन्द्र झा, सरोज चैबे, अभ्युदय सहित कई वक्ताओं ने किया संबोधित.

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पटना 23 फरवरी 2016, हैदराबाद वि.वि. के दलित स्काॅलर और जेएनयू छात्र नेताओं पर देशद्रोह का मुकदमा व निलंबन वापस लेने के सवाल पर आज पटना वि.वि. गेट पर आइसा-इनौस ने प्रतिरोध सभा का आयोजन किया. जिसमें एआइएसएफ, जसम, भाकपा-माले, दिशा छात्र संगठन, एआईवाईएफ सहित पटना विश्वविद्यालय के जाने-माने प्रोफेसर, राजनीतिक कार्यकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. यह आयोजन आज दिल्ली में उपर्युक्त दोंनों मुद्दों पर आयाजित रैली के समर्थन था. सभा की शुरूआत हिरावल के क्रांतिकारी गीत से हुआ. सभा को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित करते हुए काॅ. धीरेन्द्र झा ने कहा कि आज केवल इस देश के नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों का छात्र समुदाय, बुद्धिजीवी समुदाय कैंपसों में मोदी सरकार द्वारा आपातकाल थोपने की कोशिशों के खिलाफ सड़कों पर है. जेएनयू के बहाने संघ व मोदी सरकार देश में जो उन्माद फैलाना चाहती थी, वह नाकामयाब हो गयी है. मीडिया के एक हिस्से द्वारा उन्माद का वातावरण खड़ा कर दिए जाने के बावजूद आज मोदी सरकार जेएनयू के मुद्दे पर बैकफूट पर है. यह पूरी तरह साफ है कि गलत वीडियों के आधार पर जेएनयू के 6 छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा थोपा गया है और जेएनयूएसयू अध्यक्ष की गिरफ्तारी हुई है. संघ परिवार का देशप्रेम पूरे देश के सामने है.

उन्होंने कहा कि दरअसल यह सरकार देश में हिंदू राष्ट्रवाद थोपना चाहती है और विरोध के हर स्वर को दबाकर खत्म कर देना चाहती है. दलितों-वामपंथियों को इसने अपना खासा निशाना बनाया है. भाजपा के दो केंद्रीय मंत्रियों के दबाव में पहले रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली और अब जेएनयू प्रकरण में देश के गृहमंत्री देश को भरमाने वाले बयान दे रहे हैं. दमन से अभिव्यक्ति की आजादी और कैंपसों की स्वायत्तता खत्म नहीं हो सकती. यह आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है और हम संघियों के मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने देंगे. उन्होंने आगे कहा कि कम्युनिस्टों के संघ परिवार और मोदी सरकार द्वारा कैंपसों की स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार किया जा रहा हमला बेहद चिंताजनक है. जेएनयू प्रकरण में जिस तरह से वामपंथी छात्र नेताओं को निशाना बनाया गया और उसकी आड़ में पूरे देश में अंधराष्ट्रवाद पैदा करने की कोशिशें की गयीं, उसने देश के लोकतंात्रिक जनमत को गहरी चिंता में डाल दिया है. वाम दल संघ परिवार , केंद्र की मोदी सरकार और मीडिया के एक हिस्से द्वारा उन्माद फैलाने और जेएनयू व वामपंथियों को बदनाम करने की कोशिशों की तीव्र भत्र्सना करती है. देश की अमन व लोकतंत्र पसंद जनता को भाजपा व मोदी सरकार की हकीकत पता है.

प्रो. डेजी नारायण ने कहा कि यदि सवाल उठाना देशद्रोह है, तो हम सब देशद्रोही हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद केवल वह नहीं है, जो संघ परिवार की किताबों में लिखा है. जिस संस्थान से देश का बुद्धिजीवी समुदाय सीखता रहा है, आज उस जेएनयू को देशद्रोही बताना कितना शर्मनाक है. हम कैंपसों की स्वायत्तता पर हमला कत्तई बर्दाश्त नहीं करेंगे.  प्रो. भारती एस कुमार ने कहा कि छात्र आंदेालन आज अपने पूरे तेवर में है. और इस तेवर के सामने मोदी सरकार को झुकना होगा. कैंपसों में वाद-विवाद की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए. हमारी सरकारें अपने अनुसार इस देश और कैंपसों को चलाना चाहती हैं और विरोध करने पर देशद्रोह का मुकदमा ठोक देती है. इसका प्रतिरोध जारी है. प्रो. संतोश कुमार ने कहा कि इतिहास गवाह है कि फासीवाद की ताकतें चाहे जितना जोर लगा ले, उसकी हार निश्चित है. हिटलर जैसे तानाशाहों की भी हार हुयी थी, और इस देश में मोदी व संघ परिवार के मंसूबे भी नाकामयाब होंगे.

आइसा के पूर्व महासचिव अभ्युदय ने कहा कि जिन 6 छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा हुआ है, उनमें आइसा के के 4 नेता हैं. पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष आशुतोष कुमार, पूर्व महासचिव अनंत प्रकाश और वर्तमान महासचिव रामा नागा को फंसाया गया है. इसके अलावा उमर खालिद व अनिर्बन भट्टाचार्य पर भी मुकदमा है. कन्हैया कुमार जेल में हैं, जबकि आइसा की श्वेता राज व ऐश्वर्या को निलंबित कर दिया गया है. सरकार और मीडिया न केवल इन 8 छात्रों के भविष्य के साथ खेल रही है, बल्कि पूरे देश के भविष्य के साथ खेल रही है. प्रो. विनय कंठ ने अपने संबोधन में कहा कि आज राज्य ही अराजक हो गया है. यह पूरी तरह चिंताजनक है. जब राज्य अराजक हो जाए तो सड़कों पर उतरने के सिवा कोई विकल्प नहीं है. प्रो. शरदेन्दु ने कहा कि हम सब इस लड़ाई में एक साथ हैं. प्रोफेसर व बिहार महिला समाज की अध्यक्ष सुशीला सहाय ने भी प्रतिरोध सभा को संबोधित किया. अन्य वक्ताओं में ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, जसम के बिहार राज्य सचिव सुधीर सुमन, इनौस के बिहार राज्य सचिव नवीन कुमार, सामजिक कार्यकर्ता अक्षय कुमार, माले नेता संतोष सहर, दिशा छात्र संगठन के विवेक, एआइएसएफ के सुशील कुमार, आइसा के मोख्तार, तारिक, इनौस के मनीष कुमार, आदि शामिल थे.. कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित थे. जबकि संचालन निखिल कुमार ने किया.

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