नयी दिल्ली, 22 फरवरी, कई मुद्दों पर विपक्ष के कड़े तेवरों को देखते हुये कल से शुरु हो रहे संसद के बजट सत्र के हंगामी रहने के आसार हैं और सरकार को वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के कल संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने के साथ बजट सत्र का शुभारंभ होगा। राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में सरकार के कामकाज का लेखा जोखा पेश करने के साथ ही उसकी एक वर्ष की योजनाआें और कार्यक्रमों की जानकारी देंगे। सरकार दो चरणों में होने वाले इस सत्र के दौरान जीएसटी सहित कई विधेयकों को पारित कराना चाहती है लेकिन कई मुद्दों पर विपक्ष के कड़े तेवरों को देखते हुये उसे इन विधेयकों को पारित कराने में मुश्किलों का सामना कर सकता है।
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू द्वारा आज बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने साफ कर दिया कि सरकार सत्र के पहले चरण में कोई भी विवादास्पद विधेयक बिना अाम सहमति के नहीं लाये। विपक्ष जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय विवाद तथा इस पर मचे बवाल, रोहित बेमुला की आत्महत्या ,जाट समुदाय के आंदोलन और जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों जैसे कई मसलों पर चर्चा कराने पर जोर दे रहा है। सरकार ने कहा है कि वह हर मसले पर चर्चा के लिये तैयार है । लेकिन यदि वह जीएसटी समेत विवाद वाले कुछ विधेयकों को पारित कराने पर जोर देती है तो संसद में गतिरोध की स्थिति पैदा हो सकती है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस जीएसटी विधेयक के मौजूदा स्वरुप से सहमत नहीं है। वह अपनी तीन मांगों को इसमें शामिल करने पर जोर दे रही है जिसे सरकार ने अब तक स्वीकार नहीं किया है।

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