पटना 3 पफरवरी 2016, ऐपवा की पांचसदस्यीय प्रतिनिध्मिंडल ने आज बिहार के समाज कल्याण मंत्राी से मुलाकात करके उन्हें 11 सूत्राी ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिध्मंडल में ऐपवा की बिहार राज्य अध््यक्ष सरोज चैबे, राज्य सचिव शशि यादव, राज्य सह सचिव अनीता सिन्हा, ऐपवा की पटना जिला सचिव माध्ुरी गुप्ता व अनुराधा सिंह शामिल थीं.
ऐपवा नेताओं ने अपने ज्ञापन में कहा है कि बिहार सरकार को प्राप्त बड़े प्राप्त जनादेश में महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है. चुनाव पूर्व मुख्यमंत्राी नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार बनी तो पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे. लेकिन बाद में चरणब( शराबबंदी व देशी शराब पर ही रोक लगाने और विदेशी शराब बेचने की बात सामने आई. पूर्ण शराबबंदी की बात पीछे चली गयी. शराब पीकर न सिपर्फ महिलाओं-लड़कियों के साथ छेड़खानी-बलात्कार की घटनाओं में वृ(ि होती है, अपितु घर में पत्नियों की पिटाई होती है और पुरूष गाढ़ी कमाई शराब में बर्बाद कर देते हैं. पिछले दस वर्षों में शराब सहज मिलने के कारण युवा पीढ़ी में भी इसकी लत बढ़ी है.
शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में महिलायें कार्यरत हैं लेकिन आशा कार्यकत्र्ता को तो मानदेय भी नहीं मिलता है और रसोइया को कापफी कम मानदेय मिलता है और कई-कई महीने का मानदेय बकाया ही है. आइसीडीस क्षेत्रा के बजट में भरी कटौती की जा रही है.बिहार में महिलाओं की स्वास्थ्य की स्थिति बेहद चिंताजनक है. उपस्वास्थ्य केंद्रों में महिला डाॅक्टर नहीं होने से उन्हें महंगा इलाज करवाना पड़ता है. कई जगह तो उपस्वास्थ्य केंद्र भी नहीं हैं.महिला आरक्षण विध्ेयक पिछले बीस बर्षों से अध्र में लटका हुआ है और विधनसभा व लोकसभा में महिलाओं की संख्या दस-बारह प्रतिशत के इर्द-गिर्द ही घुमती रहती है.लिंग परीक्षण के मामले में महिला एवं बाल कल्याण की केंद्रीय मंत्राी मेनका गांध्ी के प्रस्ताव का हम विरोध् करते हैं, इससे सोनोग्रापफी कंपनियों को पफायदा व महिलाओं को नुकसान होगा.पंचायत चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. चुनाव में महिलाओं की बड़ी संख्या जीतकर आती है. चुनाव दलीय आधर पर नहीं होने से चुनाव के दूसरे चरण में बड़े पैमाने पर खरीद-पफरोख्त होती है. दलीय आधर पर चुनाव होने से दल पर भ्रष्टाचार के तहत कार्यवाही होगी. उन्होंने मांग की है कि
1. बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाए.
2. बढ़ती महिला हिंसा पर रोक लगायी जाए.
3. प्रत्येक पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र खोला जाए और महिला डाॅक्टर की बहाली की जाए.
4. महिला आरक्षण विध्ेयक पारित करने का प्रस्ताव बिहार विधनसभा में पारित करके केंद्र को भेजा जाए.
5. केंद्रीय मंत्राी मेनका गांध्ी द्वारा प्रस्तावित लिंग परीक्षण अनिवार्य करने की शर्त को वापस लिया जाए.
6. मानदेय कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
7. आशा कार्यकर्ता को मानदेय कर्मी घोषित किया जाए.
8. रसोइयों के बकाया मानदेय का अविलंब भुगतान किया जाए.
9. आइसीडीएस बजट में कटौती को वापस लिया जाए.
10. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को चतुर्थ एवं तृतीय वर्गीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
11. पंचायत चुनाव को दलीय आधर पर करवाया जाए.

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