पटना 22 फरवरी। बिहार राज्य किसान सभा की राज्य किसान कौंसिल की बैठक 22 फरवरी, 2016 को केदार भवन में हुई। बैठक की अध्यक्षता राज्याध्यक्ष साथी रामचन्द्र सिंह पूर्व विधायक ने की । बैठक का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष साथी सत्य नारायण सिंह, पूर्व विधायक ने देश दुनिया की राजनीतिक घटनाओं की चर्चा करते हुए हैदराबाद और जे.एन.यू. विश्वविद्यालय की घटनाओं की विस्तृत चर्चा की। बेकसूर कन्हैया को फर्जी विडियों के आधार पर फंसाने की साजिश और उसकी गिरफ्तारी की सख्त निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि जे.एन.यू. बंद और बदनाम करने के लिए कन्हैया को मोहरा बनाकर जाने से मारने के लिए कोर्ट में हमला से मोदी सरकार का फासिस्टी चेहरा बेनकाव हो गया। कन्हैया की बेशत्र्त रिहाई की मांग को लेकर 27 फरवरी, 2016 को शहीद चन्द्रशेखर आजाद की शहादत दिवस पर मोदी सरकार का पुतला पूरे राज्य में जलाने का फैसला लिया गया।
गत वर्ष किसानों को 300 रू॰ प्रति क्विंटल धान पर बोनस भी मिला था। परंतु जातिय नारों से चुनाव में मिली भारी जीत के मद में चूर नीतीश सरकार द्वारा घोषणाओं के बाद भी बोनस देने की अपनी वादों से मुकर गई। साथ ही धान अधि प्राप्ति में लगे पदाधिकारियों, मिलरों और दलालों की सांठ-गांठ से सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान क्रय में की जा रही आनाकानी के कारण किसानों को मजबूर होकर औने-पौने भाव में धान बेचने को विवश किया जा रहा है। दूसरी ओर डी.एम.एस.एफ.सी., डी.एस.ओ., डी.सी.ओ., एवं अन्य अधिकारी मिलरों के साथ धान खरीद के गोरख धंधा में लगे है। डेढ़ क्विंटल धान से एक क्विंटल चावल होता है। बाजार में एक क्विंटल चावल 1400 रू॰ में मिल जाता है। बदले में डेढ़ क्विंटल धान का पैसा 2115 रू॰ उन्हें एस.एफ.सी. से मिलता है। जिसमें 715 रू॰ का मुनाफा का बंटबारा में पदाधिकारियों को 250 रू॰ शेष राशि में मिलर और खरीद ऐजेंसी आपस में बांटते है। अगर कोई पैक्स धान अधि प्राप्ति के इस घोटालों में नहीं फंसना चाहता है। उन्हें पदाधिकारियों द्वारा प्रताडि़त किया जाता है। डराया धमकाया जाता है। यदि कोई पैक्स किसानों से धान खरीदना चाहता है तो उसे तरह-तरह से तंग किया जाता है। मिलर और पदाधिकारियों की मजबूत गठजोड़ से पैक्स अध्यक्ष परेशान है। धान अधिप्राप्ति के इस खेल को अविलम्ब बंद करें। दोषियों पर कार्रवाई की जाय तथा किसानों से धान खरीदने की गारंटी की मांग बिहार राज्य किसान सभा ने सरकार से की।
विभिन्न खामियों के बावजूद किसान सभा द्वारा वर्षों से की जा रही मांग की फसल बीमा का आधार पंचायत क्षेत्र हो की मांग जहाँ केन्द्र सरकार ने मानने का ऐलान किया तो राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की कमी का बहाना बनाकर विरोध करने का बिहार राज्य किसान सभा निदा करता है और पंचायत आधार पर ही फसल बीमा योजना को लागू करने की मांग करता है। बिहार राज्य किसान सभा के कार्यकारी महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि हमारा राष्ट्रीय सम्मेलन 3 से 6 मार्च, 2016 तक हैदराबाद में होने जा रहा है। इस अवसर पर बिहार से एक सौ से ज्यादा प्रतिनिधि हैदराबाद जायेगे। तथा बिहार में बड़े पैमाने पर किसान सभा का सदस्यता अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने स्वामी सहजानन्द सरस्वती के जयंति के अवसर पर एक स्मारिका प्रकाशित करने का भी ऐलान किया ।

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