नयी दिल्ली,22 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने जाट आंदोलन के कारण दिल्ली में मुनक नहर से पानी की आपूर्ति बाधित होने के मामले में आज हरियाणा सरकार से स्थिति रिपोर्ट मांगी और वहीं दूसरी ओर इस मामले में दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उसे न्यायालय में आने की बजाए पहले अपने स्तर पर इसे सुलझाने के प्रयास करने चाहिए थे। शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की उस याचिका की सुनवाई के दौरान आज यह टिप्पणी कि जिसमें न्यायालय से हरियाणा की मुनक नहर से जलापूर्ति बहाल करने के मामले में केन्द्र को निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। दिल्ली सरकार ने यह याचिका शनिवार को दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में आज हरियाणा सरकार को जलापूर्ति के बारे में दो दिन के अंदर स्थिति रिपोर्ट देने का आदेश दिया और साथ ही केन्द्र सरकार को भी नोटिस जारी किया।
हरियाणा सरकार के वकील ने न्यायालय से कहा कि मुनक नहर से जलापूर्ति बहाल करने के उपाय किए जा रहे हैं और आज ही इसे शुरु करने की कोशिश की जा रही है। न्यायालय ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह केन्द्र और हरियाणा सरकार से बातचीत कर अपने स्तर पर इस मामले को सुलझाने की बजाए सब कुछ न्यायालय से करवाना चाहती है। खंडपीठ ने कहा कि आपके मंत्री उस क्षेत्र में जाने की बजाए न्यायालय में बैठे हुए हैं। आप लोग वातानुकूलित चेंबरों में बैठे रहते हैं और चाहते हैं कि सबकुछ अदालत करे। हरियाणा में जाट आंदोलनकारियों के मुनक नहर पर कब्जा कर लेने के कारण नहर से जलापूर्ति बाधित हो गई है और इसके कारण राजधानी में पिछले दो दिनों से जल संकट पैदा हो गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें