नयी दिल्ली, 22 फरवरी, देशद्रोह के आरोपी फरार छात्रों के 10 दिन बाद जेएनयू परिसर में लौटने और उनके पीछे दिल्ली पुलिस के विश्वविद्यालय परिसर में घुसने के विकल्प तलाशे जाने के बीच हालात और जटिल हो गए हैं। आराेपी छात्र उमर खालिद,अनंत प्रकाश नारायण,अाशुतोष कुमार, अनिर्बन भट्टाचार्य और राम नागा कल रात ही परिसर में लौट आए लेकिन पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि उन पर देशद्रोह के झूठे अारोप लगाए गए हैं। इन छात्रों पर विश्वविद्यालय परिसर में नौ फरवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में देशविरोधी नारे लगाए जाने का आरोप है।
इस घटना के बाद छात्र संघ नेता कन्हैया के गिरफ्तार होने के बाद से ही ये सभी छात्र फरार हो गए थे। दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने आरोपी छात्रों से अपील करते हुए कहा है कि अगर वे बेगुनाह है तो फिर अपनी बेगुनाही का सबूत देने के लिए उन्हें पुलिस के समक्ष पेश होना चाहिए। पुलिस कानून के हिसाब से काम करती है वह किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं रखती। उन्हाेंने परिसर में पुलिस के प्रवेश की संभावनाओं के सवाल पर कहा कि सभी विकल्प खुले हैं। बेहतर होगा की छात्र खुद जांच में सहयोग के लिए आगे आएं, वरना पुलिस को अपने हिसाब से कार्रवाई करनी पड़ेगी।

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