पटना 01 फरवरी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी के लिए घरों में शौचालय होने की अनिवार्यता की राज्य सरकार की शर्त के कारण लाखों गरीब चुनाव लड़ने से वंचित हो जायेंगे। श्री मोदी ने यहां कहा कि बिहार सरकार ने भी राजस्थान का अनुसरण करते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी के लिए घरों में शौचालय होने की अनिवार्यता की शर्त रखी है। भाजपा भी इस शर्त के पक्ष में है लेकिन इस शर्त के कारण बिहार के लाखों अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा और गरीब सवर्ण समाज के लोग चुनाव लड़ने से वंचित हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विफलता के कारण बिहार के एक करोड़ 65 लाख घरों में आज तक शौचालय नहीं बना है। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार की विफलता के कारण बिहार के एक करोड़ 65 लाख घरों में आज तक शौचालय नहीं बना है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार इस चुनाव में इस शर्त को शिथिल कर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए अगले एक साल में अपने घरों में शौचालय बना लेने की शर्त लगा सकती है।
श्री मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य के 76.38 प्रतिशत परिवार आज भी शौचालयविहीन हैं जिनमें से अधिकांश अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा समाज के हैं । उन्होंने कहा कि शौचालय बनवाने की जिम्मेवारी सरकार की थी, जिसमें वह बुरी तरह से विफल रही है। यदि श्री नीतीश कुमार की सरकार अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह कर शौचालय बनाने में विफल रही है तो इसकी सजा चुनाव लड़ने के इच्छुक लाखों अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों की नहीं दी जा सकती है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक भाजपा गठबंधन की सरकार थी, अभियान के तहत शौचालय बनवाये गए, लेकिन बाद के वर्षों में यह योजना ठप पड़ गई। नतीजतन सूबे के करोड़ों परिवार आज भी शौचालयविहीन हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी के लिए शौचालय की शर्त की अनिवार्यता के पक्ष में होने के बावजूद शौचालयविहीन परिवारों की बड़ी तादाद के मद्देनजर अगले पांच वर्षों के लिए इस शर्त को शिथिल करने की सरकार से मांग करती है। श्री मोदी ने कहा कि तत्कालिक उपाय के तौर पर सरकार पंचायत चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए यह शर्त लगा सकती है कि वह अगले एक साल में अपने घरों में शौचालय का निर्माण करा लें ।

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