अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत और अमेरिका की बड़ी पहचान : रिचर्ड वर्मा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत और अमेरिका की बड़ी पहचान : रिचर्ड वर्मा

पटना,23 फरवरी, भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय(जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी को लेकर बढ़ रहे विवाद के बीच आज कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दोनों देशों की एक बड़ी पहचान है। श्री वर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत और अमेरिका विश्व के दो बड़े लोकतांत्रिक देश हैं जहां विचारों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को काफी महत्व दिया जाता है ।उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही दोनों देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तम्भ है जिसकी हर हाल में रक्षा की जानी चाहिए ।उन्होंने जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी के संबंध में पूछे गये एक सवाल का सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अमेरिका के साथ-साथ भारत की एक बड़ी पहचान है।” उन्होंने कहा कि प्रत्येक लोकतांत्रिक देश को फैसला करना होगा कि वह लोगों को कितनी अधिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है ।भारत और अमेरिका इस मामले में अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति साबित करते रहे हैं । राजदूत ने भारत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा“हम आपकी चिंता से अवगत हैं,आतंकवादी संगठनों के खिलाफ और प्रभावी तरीके से कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है।” 

श्री वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के‘मेक इन इंडिया’कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इससे भारत में रोजगार के बड़ी संख्या में अवसर उत्पन्न होंगे। रोजगार प्रदान करने वाली यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने स्थिर कर प्रणाली की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत में वाणिज्यिक अदालतें गठित किये जाने की आवश्यकता है।ऐसी अदालतों ने अमेरिका में व्यापार संबंधी मामलों के निपटारे में अपनी उपयोगिता साबित की है। राजदूत ने कहा कि अमेरिका में कार्यरत भारतीय कंपनियों में हजारों अमेरिकी नागरिक नौकरी कर रहे हैं ।उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि और बड़ी संख्या में भारतीय कंपनियां वहां व्यवसाय करें। श्री वर्मा ने कहा कि अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक ने 1000 डीजल रेल इंजन बनाने के लिए भारतीय रेलवे के साथ 2.15 अरब डालर के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं ।इनमें से 900 इंजन बिहार के मढ़ौरा लोको प्लांट में बनाये जायेंगे शेष इंजन अमेरिका से बनाकर लाये जायेंगे । 

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