नयी दिल्ली 29 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और एस आर गिलानी समेत सभी आरोपियों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की सुनवाई से आज इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता विनीत ढांडा से कहा कि पहले वह एटॉर्नी जनरल की मंजूरी लेकर आएं। उसके बाद ही याचिका पर सुनवाई की जाएगी। न्यायालय ने कहा कि अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिए एटॉर्नी जनरल की अनुमति जरूरी है और कानून भी यही कहता है।
याचिका में कहा गया है कि संसद में हमले के दोषी अफ़जल गुरु की फांसी को न्यायिक हत्या कहना अदालत की अवमानना है। याचिका में कहा गया था कि जो कार्यक्रम हुआ था उसमें पर्चे बांटे गए थे कि अफ़जल की मौत न्यायिक हत्या है और नारे भी लगाये गए जिससे यह लगता है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ही अफ़जल के हत्यारे हो, जबकि शीर्ष अदालत ने अफ़जल के मामले में सभी पक्षों को सुनने और सबूतों के आधार पर फांसी की सज़ा सुनाई थी। कन्हैया, गिलानी के अलावा उमर ख़ालिद, लेनिन कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, शेहला राशिद और अली जावेद के खिलाफ भी अदालत की अवमानना के तहत कार्रवाई की मांग की गई थी।
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