राँची,03 फरवरी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी. एल. पुनिया ने आज कहा कि अनुसूचित जाति श्रेणी के व्यक्तियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये राज्य स्तर पर अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया जाना चाहिये। श्री पुनिया ने आज यहां प्रोजेक्ट भवन के नये सभागार में अनुसूचित जाति के लिए राज्य में क्रियान्वित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अनुसूचित जाति के लोग सरकार की योजनाओं से अधिक-से-अधिक लाभांन्वित हो सके, इसके लिये अलग से योजना बनाने की आवश्यकता है।
समीक्षा बैठक में विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा के संबंध में उन्होंने बताया कि झारखंड में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 12 फीसदी है लेकिन आरक्षण मात्र 10 फीसदी है जिसे बढ़ाने की जरूरत है साथ ही पुलिस विभाग की ओर से अनुसूचित जाति से जुड़े मुकदमों के निष्पादन का औसतन भी देश के औसत से काफी कम है जो एक चिंता विशय है। श्री पुनिया ने बताया कि विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये आरक्षित सीटें हर वर्ष खाली रह जाती हैं उसके लिये विषेष योजना बनाने के लिये राज्य सरकार से बात करेंगे एवं विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से अनुसूचति जाति के लिये दिये जाने वाले छात्रवृति के सरलीकरण करने की बैठक में निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि आम आदमी के साथ साथ अनुसूचित जाति के लोगों का विकास हो इसके लिये राज्य सरकार के स्तर पर अनुसूचित जाति हेतु योजना अलग से बननी चाहिये ताकि उनका समावेषी विकास किया जा सके। इसके अलावा बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अनुसूचित जाति के लिये छात्रावासों का निर्माण करना सुनिश्चित कराया जायेगा साथ ही जिन जिलों में अनुसूचित जाति से जुड़े मामले ज्यादा लंबित है वहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एक्सक्यूटिव कोर्ट का निर्माण भी किये जाने पर विशेष तौर पर चर्चा की गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभागीय स्तर पर अनुसूचित जाति के महापुरूषों की स्मृति में छात्रावासों तथा विशेष स्थानों का नामकरण करने का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न निजी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 25 फीसदी आरक्षण के नियमों का पालन हो इसके लिये सरकार की ओर से कदम उठाये जाने की जरूरत है।

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