लखनऊ 18 मार्च, समाजवादी पार्टी(सपा) से निष्कासित पूर्व महासचिव अमर सिंह की पिछले दरवाजे से छह साल बाद पार्टी में वापसी तय है। सपा सूत्रों ने आज यहां बताया कि जनवरी 2010 में पार्टी से निष्कासित अमर सिंह की वापसी महज औपचारिकता की बात है। श्री सिंह अक्सर सरकारी कार्यक्रमों में आते हैं और वह राज्य में निवेशकों को भी ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्री सिंह सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदार के रुप में राज्यसभा में प्रवेश कर सकते हैं। श्री सिंह हाल में जी समूह के अध्यक्ष सुभाष चन्द्रा के साथ यहां आये थे। श्री चन्द्रा ने उत्तर प्रदेश में आठ हजार पांच सौ करोड रुपये का निवेश करने में दिलचस्पी दिखायी थी। श्री अमर सिंह के साथ बालीवुड की अभिनेत्री और रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा की भी सपा में वापसी हो सकती है। चार जुलाई को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के 11 सदस्य अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। सदन में अपनी मौजूदा सदस्य संख्या के आधार पर सपा के छह सदस्य प्रथम वरीयता वोट से निर्वाचित हो सकते हैं। श्री अमर सिंह सपा के टिकट पर तीन बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री आजम खां और महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव के प्रखर विरोध की अनदेखी कर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने श्री अमर सिंह को पार्टी में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि झंझावातों और राज्यसभा चुनाव में व्हीप से उनको बचाने के लिए श्री सिंह को एक निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में समर्थन देने का फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि श्री अमर सिंह की सपा में वापसी को लेकर पिछले करीब दो साल से कयास लगाये जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार सूबे के लोक निर्माण विभाग के मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने उनकी “घर वापसी” में मुख्य भूमिका अदा की है। श्री सिंह को सपा संसदीय बोर्ड ने “घुसपैठिया” करार देते हुए जनवरी 2010 में रामपुर से पार्टी सांसद जयाप्रदा और चार विधायकों मदन चौहान, संदीप अग्रवाल, अशोक चंदेल और सर्वेश सिंह के साथ पार्टी से निष्कासित कर दिया था। श्री सिंह के नजदीकी मदन चौहान अब सूबे के मंत्री हैं।

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