नयी दिल्ली 10 मार्च , विभिन्न विवादों से घिरे रहे अध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर की संस्था ऑट ऑफ लिविंग का विश्व सांस्कृतिक महोत्सव कल से शुरू होगा जिसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है लेकिन इस महोत्सव के आयोजन पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की तलवार अभी भी लटकी हुई है। यमुना के तट पर आयोजित हो रहे इस महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में पहुंचना शुरु हो गया है और कलाकारों ने आज अभ्यास किया। कल चार घंटे से अधिक समय तक चलने वाले उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने प्रधानमंत्री के कल इसके उद्घाटन सत्र में शामिल होने की पुष्टि कर दी है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी आंमत्रित किए गए थे लेकिन उन्हाेंने इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया है। इस बीच एनजीटी ने आज स्पष्ट कर दिया कि महोत्सव के आयोजकों को यमुना नदी को नुकसान पहुंचाने के एवज में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रुप में पांच करोड़ रुपए जमा करने होंगे। यह रकम जमा करने के लिए आयोजकों को कल शाम पांच बजे तक का समय दिया गया है और कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर कार्यक्रम रोका जा सकता है।
श्री श्री रविशंकर ने उत्सव के आयोजन से यमुना या उसके आसपास के इलाके को किसी तरह के नुकसान पहुंचने के आरोपों से साफ इन्कार करते हुए कहा है कि इस मामले में एनजीटी का ओदश गलत है जिसे वह उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। कुछ टीवी चैनलो से साक्षात्कार में उन्हाेंने यहां तक कहा कि वह जेल चले जांएगे लेकिन जुर्माना नहीं देंगे। आयोजन पर रोक की मांग के लिए याचिका डालने वाली संस्था यमुना जियो के मनोज मित्रा ने कहा है कि अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो वह आयोजकों के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज करेंगे। इस बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने आज एनजीटी को बताया कि उसकी टीम आयोजन स्थल का मुआयना कर रही है और आयेाजकों को उसके दिशो निर्देशों के अनुरुप काम करायेंगी। एनजीटी की ओर से कार्यक्रम के आयोजन को कल सर्शत मंजूरी देने पर किसानों के एक संगठन द्वारा उच्चतम न्यायालय में महोत्सव पर रोक की याचिका दायर करने पर शीर्ष अदालत ने आज साफ कहा कि वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। यह मामला एनजीटी के पास ही ले जाया जाना चाहिए। आर्ट ऑफ लिविंग के 35 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस सांस्कृतिक महोत्सव में देश-विदेश से 36 हजार कलाकारों के भाग लेने की संभावना है। इसके अलावा कार्यक्रम में 155 देशों से 35 लाख लोगों के आने की भी उम्मीद है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बडी संख्या में लोग विशेष ट्रेन से यहां पहुंचना शुरू हाे गये है। आयोजन स्थल पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
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