नयी दिल्ली, 08 मार्च , दुनिया के हर क्षेत्र में नारी शक्ति को सलाम करने के लिए प्रत्येक वर्ष आठ मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज देश भर में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ संसद में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने से संबंधित विधेयक को जल्दी से जल्दी पारित कराने की जोरदार मांग की गई। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने समावेशी आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के लिए लैंगिक समानता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए संसाधनों तक आधी आबादी की पहुंच बनाने और उन्हें संसाधनों पर नियंत्रण का अधिकार देने की आवश्यकता है। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में वर्ष 2015 के लिए नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “हमें यह बात याद रखनी चाहिए कि चाहे वे समाज के पुरूष हों या महिलाएं, सभी को सुरक्षा, शांति और सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक युग में भी महिलाओं को बर्बर आचरण एवं हिंसा का सामना करना पड़ता है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश की सभी महिलाओं को सलाम किया है और समाज में उनके योगदान को लेकर कृतज्ञता व्यक्त की है। श्री मोदी ने आज सुबह ट्वीट कर कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सभी महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए सलाम करता हूं तथा समाज में उनकी उल्लेखनीय भूमिका के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के विकास के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना लाकर बेहतर स्वास्थ्य एवं शिक्षा की सुविधाएं प्रदान की है। उन्होंने यह भी कहा कि कौशल विकास, मुद्रा बैंक तथा वित्तीय समावेशी प्रयासों से नारी शक्ति का सशक्तीकरण होगा और वे देश की आर्थिक प्रगति में अपना योगदान देंगी।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई महिला सांसदों ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने से संबंधित विधेयक को सदन में जल्दी से जल्दी पारित कराने की लोकसभा में मांग की। सांसदों ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए अवसर उपलब्ध कराने तथा लिंगभेद दूर करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने समाज में महिलाओं को सम्मान तथा उनका हक दिलाने के लिए लोगों से अपनी सोच तथा मानसिकता में बदलाव लाने की बात कही। लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया, राष्ट्र निर्माण और जीवन के हर क्षेत्र में विकास के कार्यों में महिलाओं की अधिकतम गुणात्मक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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