पटना, 19 मार्च। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने केन्द्र सरकार द्वारा लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज दर में की गई कटौती का विरोध किया है। सत्य नारायण सिंह ने आज यहां जारी अपने एक बयान में कहा है कि लघु बचत योजनाओं से समाज के निम्न मध्यवर्ग तथा गरीबों को कुछ लाभ मिलता था। इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज के लोभ में ही समाज का कमजोर वर्ग भी अपने दैनिक खर्चों में कटौती करके लघु बचत योजनाओं में अपनी कमाई का एक हिस्सा निवेष करता है। केन्द्र सरकार ने पीपीएफ और किसान विकास पत्र सहित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में भारी कटौती कर दी है। पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर 8ण्7ः से घटाकर 8ण्1ःए किसान विकास पत्र पर 8ण्7ः से घटाकर 7ण्8ःए सुकन्या समृद्धि खाता पर 9ण्2ः से घटाकर 8ण्6ः नागरिक बचत योजना पर 9ण्3ः से घटाकर 8ण्6ः कर दिया है।
लघु बचत योजना पर मिलने वाले ब्याज की दर में कटौती के पक्ष में सरकार की दलील है कि इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की दरों को बाजार की दर के समकक्ष लाना है। केन्द्र सरकार यह भूल जाती है कि बड़ी बचत योजनाओं में निवेषक अपना पेट काटकर निवेष नहीं करते हैं। निवेष का उनका लक्ष्य होता है ज्यादा से ज्यादा धन कमाना जबकि लघु बचत योजनाओं के निवेषक अपनी जरूरतों के खर्चों में कटौती करके निवेष करते हैं कि मुसीबत की घड़ी में उनकी बचत राषि काम आयेगी। किसी देष के आर्थिक विकास में बचत और निवेष एक महत्वपूर्ण कारक होते हैं। बचत के बिना निवेष संभव नहीं है। केवल विदेषी निवेष से देष का विकास नहीं होगा। लघु बचत योजनाओं के ब्याज की दरों में कटौती करके केन्द्र सरकार ने छोटे निवेषकों को भारी झटका दिया है। सरकार के इस जनविरोधी कदम से छोटे निवेषक हतोत्साहित होगे और बचत में कमी आयेगी।

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