नयी दिल्ली 16 मार्च, भारतीय दंड संहिता की देश द्रोह से संबंधित धारा 124 (ए)को हटाने की कई दलों के सदस्यों की मांग के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में कहा कि विधि आयोग इस मामले की समीक्षा कर रहा है और इसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार सभी राजनीतिक दलों से भी बात करेगी। श्री सिंह ने धारा 124(ए) को हटाने से जुडे पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि विधि आयोग भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं की समीक्षा कर रहा है और सरकार को इसकी रिपोर्ट का इंतजार है । रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार राजनीतिक दलों से भी इस बारे में राय लेगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों का मुद्दा उठाते हुए सीधा सवाल पूछा कि विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ देश द्रोह की धारा लगाने का क्या औचित्य है। गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इस मामले में स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के उल्लंघन का आरोप है जिसकी जांच चल रही है । इस मामले में तीन छात्रों को गिरफ्तार किया गया था और एक को सशर्त जमानत दी गयी है ।
यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। सांप्रदायिक भावना भडकाने को भी देश द्रोह से जुडी धारा के दायरे में लाने के सवाल पर श्री सिंह ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि इस तरह के मामलों में सरकार की ओर से कडी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने राज्य सरकारों से भी अपील की कि वे सांप्रदायिक भावना भडकानें वालों के खिलाफ कोई नरमी न बरतें तथा सख्त कार्रवाई करें। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भड़काउ भाषणों को नारों से भी खतरनाक बताते हुए पूछा था कि क्या इसे भी देश द्रोह से जुडी धारा के दायरे में लाया जायेगा। श्री रिजिजू ने कहा कि विधि आयोगों की अब तक आई कुछ रिपोर्टों में देश द्रोह से जुडी धारा की समीक्षा का सुझाव दिया गया है लेकिन इसे हटाने की बात नहीं कही गयी है। इन रिपोर्टों में आपराधिक न्यायिक तंत्र की व्यापक समीक्षा की भी सिफारिश की गयी है। खुद गृह मंत्रालय ने भी विधि और न्याय मंत्रालय से इसकी समीक्षा करने को कहा है।

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