झारखण्ड : इंडिजेनस मेडिसिन एंड फ्रूड हैबिट्स पर पॉपुलर लेक्चर सीरीज के अंतर्गत व्याख्यान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 9 मार्च 2016

झारखण्ड : इंडिजेनस मेडिसिन एंड फ्रूड हैबिट्स पर पॉपुलर लेक्चर सीरीज के अंतर्गत व्याख्यान

  • एसकेएमयू के दिघी स्थित विवि परिसर में  

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सिदो कान्हू मुर्मू विवि के दिघी परिसर में पॉपुलर लेक्चर सीरीज के अंतर्गत डॉ राजेंद्र पांडे की अध्यक्षता में इंडिजेनस मेडिसिन एंड फ्रूड हैबिट्स पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो कमर अहसन ने किया। व्याख्यान में की नोट एड्रेस डॉ धुनी सोरेन ने दिया। तिलकामांझी विवि भागलपुर के प्रति कुलपति प्रो ए के राय इस अवसर पर मुख्य अथिति थे। विशिष्ट अथिति के रूप में प्रति कुलपति प्रो एस एन मुंडा थे। सम्मानित अथिति के रूप में डॉ लुसू हेम्ब्रोम व डॉ शुभेन्दु शेखर थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में पॉपुलर लेक्चर सिरीज के संयोजक डॉ अजय सिन्हा ने आगुत अतिथियो का स्वागत व परिचय कराया। छात्राओं ने पुष्प गुच्छ देकर एव स्वागत गान से  उनका स्वागत किया। कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ अथिथियो द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। कुलपति प्रो कमर अहसन ने अपने उद्घाटन भाषण में पॉपुलर लेक्चर सिरीज को समाज से विवि को जोड़ने का एक प्रयास बतलाया। 

उन्होंने इस व्याख्यानमाला द्वारा समाज के ऐसे  प्रबुद्ध लोगो के ज्ञान को बाँटने का प्रयास किया जो अपने क्षत्रे में काफी काम कर चुके है। उन्होंने डॉ धुनी सोरेन द्वारा लगातार वि वि के विकास में अपने विचार देते रहने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। डॉ धुनी सोरेन आदिवासियों के परम्परा एवं संस्कृति से उपलब्धियों को जोड़ा और इस इलाके में पाए जाने वाले पौधो के औषधीय गुणों को बतलाया। उन्होंने कहा कि आज विश्व स्वस्थ संगठन भी इस दिशा में काम कर रहा है जो यहाँ की परंपरा में बसा है। तिलकामांझी भागलपुर विवि के प्रतिकुलपति डॉ अवध किशोर राय जो पिछले तीन दशक से संथाल परगना के औषधीय पौधों पर शोध कर रहे है ने कहा कि इनका संहिताकरण करना जरुरी है। उन्होनें कहा इनके गुणों की वैज्ञानिकता व प्रमाणिकता को साबित करने की जरुरत है। प्रति कुलपति प्रो एस एन मुंडा ने वर्तमान समय में परम्परागत खान पान के त्याग को बीमारी का कारण बतलाया। 

उन्होंने कई पौधो एवं फलो के बारे में बतलाया जो स्वस्थ के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन आज गुमनामी का दंश झेल रहे है।इस मौके पर डॉ शुभेन्दु शेखर एवं डॉ लुसू हेम्ब्रोम ने भी अपने विचार रखे।डॉ राजेंद्र पांडे ने इस दिशा में वि वि द्वारा किये जा रहे शोध की चर्चा की एवं ऐसे पौधो के संरक्षण पर बल दिया। धन्य्वाद्ग्यापन  एवं मंच सञ्चालन डॉ अजय सिन्हा ने किया इस अवसर पर डॉ प्रोमोदनी हंसदा डॉ गगन ठाकुर डॉ जे दास  डॉ के एस अवस्थी डॉ सुजीत सोरेन डॉ अमरनाथ झा डॉ शुधंशु शेखर डॉ संज य सिन्हा डॉ एस एल बोंडीया, डॉ शर्मीला सोरेन डॉ शंभू सिंह  डॉ संजीव कुमार, प्रो के बी टोप्पो सहित अनेक शिक्षक मौजूद थे। कार्यक्रम की सफलता में डॉ गगन ठाकुर, डॉ प्रमोदिनी हांसदा, डॉ सुजीत सोरेन, इग्निसिउस मरांडी के अलावे सिद्धोर, राजीव बासुकी, दुलारी, सुनीता एवं महिला कॉलेज की छात्राओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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