नयी दिल्ली, 07 मार्च, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य के अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त हैं क्योंकि उनका मानना है कि आधी चुनावी वैतरणी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही पार करा देंगे और उन्हें जीत के लिये जरूरी केवल एक चौथाई हिस्सा पार करने के लिये ही मेहनत करनी पड़ेगी । श्री रावत ने यहां सवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह अगले विधानसभा चुनावों में जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी लोकप्रियता तेजी से खो रही है और उत्तराखंड की लगातार अनदेखी कर रही है। ऐसे में ‘‘मोदी जी ही आधी नदी पार करा देंगे और हमें तो जीत के लिये एक चौथाई नदी पार करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जिस तरीके से श्री मोदी ,उनके मंत्री एवं पार्टी के नेता हमले कर रहे हैं उससे श्री गांधी का कद बढ़ा है। भाजपा को समझना चाहिये कि वह सत्ता में है और उसे विपक्ष की बातों पर गौर करना होगा उन्होंने खेद व्यक्त किया कि भाजपा तथा केन्द्र केवल इस बात का दंभ भर रहे हैं कि मोदी सरकार जो भी कर रही है, वही सही है और बाकी गलत है।
श्री रावत का कहना था विपक्ष की बातों पर गौर तक नहीं करना असिहष्णुता है और मोदी सरकार गैर भाजपा खासतौर से कांग्रेस शासित राज्य सरकारों के विचारों की अनदेखी करके कोई सहिष्णुता का परिचय नहीं दे रही है। यह सरकार उत्तराखंड की जायज मांगों पर गौर तक नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बनने के बाद से उत्तराखंड को केंद्रीय योजनाओं के मद में मिलनेवाली राशि बहुत कम कर दी गई है जिसके कारण राज्य सरकार को उन योजनाओं को चलाने के लिये विकास की अपनी योजनाओं का पैसा लगाना पड़ रहा है। उदाहरण के तौर पर अनुसूचित जाति को दी जानेवाली छात्रवृत्ति के मद में सालाना मिलनेवाली 300 करोड़ रुपये की राशि को घटाकर 70 करोड़ रुपये कर दिया गया।
श्री रावत ने कहा कि हरिद्वार में लगनेवाले अर्द्धकुंभ के लिये केंद्र सरकार हमेशा मदद करती रही है लेकिन मोदी सरकार ने एक पैसा भी नहीं दिया अलबत्ता उज्जैन में होने जा रहे सिंहस्थ मेले के लिये हजारों करोड़ रुपये दिये गये। जब इस बारे में केंद्र सरकार काे ध्यान दिलाया गया तो उसने यह कहकर मामले को टाल दिया कि मध्यप्रदेश भी तो भारत का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने बल पर लोगों के भले के लिये अनेक योजनाएं शुरू की है। उसने कृषि और मौसमी पहाड़ी फलों को प्रोत्साहन देने के लिये उनका न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाया है । साथ ही पर्यटन को बढावा दिया जा रहा है जिसका नतीजा है इस बार अर्धकुंभ में 20 लाख लोग आये और राज्य में पर्यटकों की संख्या एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गयी ।

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