नयी दिल्ली, 08 मार्च, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सिडिंकेट बैंक में 1000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में राजधानी दिल्ली और राजस्थान के जयपुर एवं उदयपुर के 10 ठिकानों पर आज एक साथ छापेमारी की। सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि जांच एजेंसी ने बैंक की शाखाओं और अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवास सहित 10 जगहों पर छापेमारी की। इस मामले में फर्जी बिलों का इस्तेमाल और जीवन बीमा पॉलिसियों के न होने के बावजूद ओवरड्राफ्ट लिमिट मुहैया कराया गया था।
सीबीआई ने बैंक के दिल्ली स्थित तत्कालीन महाप्रबंधक सतीश कुमार, जयपुर के तत्कालीन क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक संजीव कुमार, एमआई रोड स्थित शाखा के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक देशराज मीणा और जयपुर की मालवीय नगर शाखा के तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक आदर्श मानचंदा तथा उदयपुर के तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक अवधेश तिवारी के अलावा उदयपुर स्थित चार्टर्ड अकाउंटेट भारत बम्ब एवं दो निजी व्यक्तियों -पीयूष जैन एवं विनीत जैन तथा जयपुर के निजी व्यक्ति शंकर खंडेलवाल के खिलाफ 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468 तथा 471 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2), 13(1)(सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में जांच जारी है। खबर लिखे जाने तक छापेमारी भी जारी थी। सिंडिकेट बैंक के लिए विवाद कोई नई बात नहीं है। डेढ़ साल पहले बैंक के तत्कालीन मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एस के जैन को 50 लाख रुपये की घूस लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया था। जैन कुछ कंपनियों की कर्ज की सीमा बढ़ाने के एवज में रिश्वत ले रहे थे। जैन को निलंबित कर दिया गया था।

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