नयी दिल्ली,15 मार्च, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय मामले से प्राभावी ढ़ग से निपटने के लिए केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार की प्रशंसा की है। दिल्ली के प्रांत सह-संघचालक आलोक कुमार ने अाज यहां संवाददाताओं से कहा कि जेएनयू परिसर के अंदर इस तरह के कार्यक्रम हमेशा ही आयोजित होते हैं लेकिन इस बार सरकार ने एेसे कार्यक्रम करने वालों के खिलाफ संतोषजनक कार्रवाई की और पूरे मामले को ठीक ढंग से निपटाया। उन्होंने कहा कि यह उजागर हो गया है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर जेएनयू में एक कार्यक्रम आयोजित करने और उस दौरान देश विरोधी नारे लगाए जाने का मामला जेहादियों और कश्मीरी अलगाववादियों से जुड़ा है और चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि एेसे तत्वों के खिलाफ देश भर से जो प्रतिक्रिया मिली है उससे वह संतुष्ट हैं।
श्री कुमार ने आल इंडिया मुत्तहिदा मजलिसे मुसलमीन के नेता असद्दुदीन ओवेसी के ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलने संबंधी बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा,“ कोई उनके गले में चाकू नहीं रख रहा। मुझे लगता है कि यह शर्मनाक है और उकसावे वाला बयान है।” श्री ओवैसी ने कहा था कि कोई उनके गर्दन पर चाकू भी रख दें तो भी वह भारत माता की जय नहीं कहेगें। आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आरएसएस हमेशा से अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का समर्थन करती है और संगठन का मानना है कि हाशिए पर पड़े वर्ग के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में देश भर में संघ की कम से कम 5000 शाखाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में संगठन की दौनिक शाखाएं 51 हजार 332 से बढकर 56 हजार 859 हो गई हैं जो कि 1925 से संगठन की स्थापना से अब तक का रिकॉर्ड है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें