विशेष : संघ का असंवैधानिक बयान देशद्रोह से कम नहीं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 21 मार्च 2016

विशेष : संघ का असंवैधानिक बयान देशद्रोह से कम नहीं

हमेशा की भाँति एक बार फिर से भारत और भारतियों को गुमराह तथा भ्रमित करने के लिए संघ की ओर से आरक्षण, देशद्रोह और महिलाओं के मन्दिरों में प्रवेश पर बयान जारी करके देश के माहौल को गर्माने का प्रयास किया गया है।

सारा संसार जानता है कि हिन्दू मन्दिरों में स्त्री और शूद्रों को प्रवेश नहीं करने देना आर्य-वैदिक-ब्राह्मणी संस्कृति और कथित सनातनी हिन्दू धर्म का ही कथित पवित्र उपदेश है। जिसमें शूद्र और स्त्री को पाप यौनि में जन्मे जीव घोषित किया गया है। इसी कारण शूद्र और स्त्री को अमानवीय और भेदभावपूर्ण हालातों का सामना करना पड़ता रहा है। इस व्यवस्था को प्रारम्भ से संघ का सम्पूर्ण समर्थन मिलता रहा है। जो लोग अपने संघ में स्त्री को प्रवेश तक नहीं दे सकते, उनकी ओर से आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सम्पूर्ण स्त्री जाति को गुमराह करने के लिए, स्त्रियों के मन्दिरों में प्रवेश के पक्ष में बयान जारी किया जाना किसी षड्यंत्र से कम नहीं!

देशद्रोह की बात पर संघ की ओर से कथित तौर पर तीखे तेवर अपनाये गए हैं, जबकि सारा संसार जानता है कि भारत मूलवासी-आदिनिवासियों का अपना देश है, जिस पर बकवास (BKVaS=Brahamn+kshatriya+Vaishya+Sanghi) वर्ग का बलात् कब्जा है। संघ बकवास वर्ग का प्रतिनिधि संगठन है। बकवास वर्ग भारत और भारत के रियल ऑनर मूलवासी-आदिनिवासियों अर्थात इंडीजीनियश पीपुल्स को कुचलने के लिए हजारों सालों से योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है। अत: देशद्रोह की बात करने वालों से मेरा सीधा सवाल है कि देश के मालिक अर्थात रियल ऑनर मूलवासी के विरुद्ध उत्पीड़न और जन्मजातीय भेदभाव को जन्म देने वाली अमानवीय आर्य-वैदिक-ब्राह्मणी-मनुवादी व्यवस्था के समर्थकों से बड़ा देशद्रोही और कौन हो सकता है?

संघ की ओर से भ्रामक और संविधान विरोधी बयान दिया गया है कि 60 साल हो चुकने के बाद भी दुर्बल जातियों और लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। अत: आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए और आरक्षण को आर्थिक आधार प्रदान करने की मांग करके वंचित (MOST=MINORITY+OBC+SC+TRIBALS) वर्गों को आपस में लड़ाकर विधानसभाओं की चुनावी वैतरणी पार करने के लिए पाशा फैंका गया है। वंचित वर्गों की एकता को तोड़ना इसका मूल मकसद है। संघ प्रतिनिधित्व के मूल अधिकार को आरक्षण और आरक्षण का मकसद लोगों की मदद प्रचारित करके संविधान विरोधी और देशविरोधी कार्य कर रहा है।

अत: उपरोक्तानुसार स्वत: स्पष्ट है कि बकवास वर्ग समर्थक संघ की ओर से जारी बयान अपने आप में असंवैधानिक और देशद्रोह से कम नहीं है।



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-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
संपर्क  : 9875066111

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