झूठे वादों के चार कांधों पर निश्तनाबूत हो जाएगी सपा : रामबाबू द्विवेदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 11 मार्च 2016

झूठे वादों के चार कांधों पर निश्तनाबूत हो जाएगी सपा : रामबाबू द्विवेदी

ram babu dwivedi, bjp spokesperson up
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के चाल साल पूरे होने पर विपक्षियों ने निशाना साधना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रामबाबू द्विवेदी ने अपने रामनगर पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में यहां तक कह डाला कि सपा को उसके झूठे वादे ही हमेशा हमेशा के लिए निश्तनाबूत कर डालेंगे। साथ ही उन्होंने बाराबंकी क्षेत्र की बद्तर दशा को भी उदाहरण के तौर पर मीडिया के सामने रखा। प्रवक्ता रामबाबू द्विवेदी ने ये भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी झुग्गी झोपड़ी मुक्त भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन सबके इतर मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए रामबाबू द्विवेदी ने सपा का जमकर घिराव किया। 

सपा राज में कानून रहा लचर.....
 प्रवक्ता रामबाबू ने कहा कि 2014 में मीडिया रिपोर्ट में जो हमारी पार्टी के द्वारा लखनऊ के अखबारों के आधार पर आंकड़े दिए गए मतलब ये कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार के 30 महीने का लेखा जोखा कुछ यूं था. 

हत्या- 5148

बलात्कार- 1981

लूट और चोरी- 3927

गुंडागर्दी- 4787

अपहरण- 754

मतलब ये कि ढ़ाई साल के आंकड़े थे ये. डेढ़ साल बाद इन आंकड़ों की कल्पना आप कर सकते होंगे...कि कितने लोगों की हत्या कर दी गई, कितने बलात्कार हुए जिसकी वजह से प्रदेश शर्मसार हुआ.....

3- हाल ही में बलरामपुर सदर से सपा विधायक जगराम पासवान के भाई अन्नू पासवान और पप्पू पासवान ने महज गाड़ी ओवरटेक करने के कारण जयराम यादव नाम के शख्स को गोली मार दी. व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई. 

4- सपा सरकार के दौरान मुजफ्फर नगंर दंगा, दादरी जैसी कई सांप्रदायिक घटनाएं हो गईं.

5- जगेंद्र, राजीव चतुर्वेदी समेत कई पत्रकारों की हत्याये हुई.

6- मोहनलालगंज में प्रशासन निर्वस्त्र महिला की लाश की तस्वीरें खिंचवाता रहा...मूक दर्शक बनकर देखता रहा। सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हो गईं....ये है सपा राज....

7- सपा के कार्यकाल की शुरूआत से ही स्थिति लचर रही है.... आगरा में बीएसपी के एक पूर्व प्रधान की गोली मार कर हत्या कर दी गई तो भदोही और सीतापुर में दलितों के घर में आग लगा दी गई। अम्बेडकर नगर में माया सरकार में परिवहन मंत्री रहे राम अचल के बेटे संजय ने अपने गांव के ही लोगों पर गोलियां चला दीं।

8- बाराबंकी के कोठी थाने में महिला को जिंदा जलाने की घटना सामने आई। जिसका आरोप एसआई पर लगा। 

भ्रष्टाचार का भी रहा बोलबाला
भ्रष्टाचार के मामले सीधे तौर पर तो सरकार पर नहीं उठे, लेकिन कानून व्यवस्था और सरकार के अफसरों और मंत्रियों के काम से विपक्ष कई बार सरकार पर हमलावर रहा। नोएडा अथोरिटी में चीफ इंजिनियर रहे यादव सिंह पर अरबों की काली कमाई के सबूत मिले। इससे खास बात यह है कि यूपी-पीसीएस का पेपर लीक हुआ। हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष सलिल कुमार को हटा दिया। वहीं सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और आईपीएस अमिताभ ठाकुर के बीच धमकी प्रकरण चर्चा में रहा। 9 एमएलसी के मनोनयन पर सरकार राज्यपाल आमने सामने रहे। नोएडा के दादरी में गाय के मांस को लेकर दो पक्षों में विवाद सियासी विषय बना गया। लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सरकार और राजभवन आमने-सामने आये। राजभवन ने चार बार सरकार की फ़ाइल को लौटा दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस वीरेंदर सिंह की नियुक्ति हुई लेकिन शपथ ग्रहण पर रोक लगा दी गयी। काम से ज्यादा यूपी की अखिलेश सरकार कानूनी पचड़ों में फंसी रही। यादव सिंह पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार के लाख पैरवी के बावजूद 16 जुलाई को सीबीआई जांच बिठा दी। वहीं शिक्षा मित्रों के समायोजन को हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहा है। लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष रहे अनिल यादव के काम-काज से सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और अदालत ने अनिल यादव को उनके पद से हटा दिया। इसी तरह लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में अखिलेश सरकार को शर्मंदिगी का सामना करना पड़ा और अदालत ने खुद ही लोकायुक्त नियुक्त कर दिया।

बाराबंकी का कुछ ये आलम 
वहीं सपा में ग्राम्य विकासमंत्री की कमजोर नीतियों की कलई खोलते हुए रामबाबू द्विवेदी ने कहा कि जिले के रामनगर क्षेत्र से विधायक अरविंद सिंह गोप जो कि फिलवक्त सूबे की सपा सरकार में ग्राम्यविकास मंत्रालय की अहम जिम्मेदार पद पर काबिज हैं। पर इस पद का किस तरह से प्रयोग किया जा रहा है ये सवालिया घेरे में है। ग्रामसभा बड़नपुर के अंतर्गत आने वाले नरैनापुर में बीते दिनों भीषण आ लग गई। पूरा गांव जलकर खाक हो गया। स्थानीय निवासी किसी तरह अपनी जान बचा पाए। लेकिन ग्राम्य विकास मंत्री हों या फिर कोई और इनकी हालत को जानने नहीं पहुंचा। बाराबंकी के ही क्षेत्र अवसेरीपुर पर यदि निगहबानी की जाए तो सपा के वादों और दावों की कलई एक दम खुलकर सामने आ जाती है। न तो इस क्षेत्र में जाने के लिए अब तक कोई पक्का रास्ता है और न बिजली ही इस गांव को मुहैया कराई गई है। वहीं दूसरी ओर उन्होने बाराबंकी के अंतर्गत आने वाले बड़नपुर की डिपुआ नाम के क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में घास फूस के मकानों में लोग गुजारा करने को मजबूर हैं। एक बार जरा सोचकर देखिए कि गलती से भी यहां गर कोई चिंगारी किसी भी तिनके को छू जाए तो क्या हालात होंगे।

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