नयी दिल्ली, 29 अप्रैल, महाकाल की नगरी मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर चल रहे सिहंस्थ महाकुंभ में 12 से 14 मई के बीच वैश्विक समस्याओं के निदान एवं समाधान के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वैचारिक महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा जिसमें नेपाल एवं श्रीलंका के राष्ट्रपति समेत पचास से अधिक देशाें के प्रतिनिधियों के भाग लेने की आशा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां विदेश मंत्रालय में 68 देशों के राजदूतों/उच्चायुक्त तथा राजनयिक प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें सिंहस्थ के वैचारिक महाकुंभ में आमंत्रित किया। इस मौके पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्मित एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया। विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में मौजूद राजनयिकों में आस्ट्रिया, गाम्बिया, मालदीव, गुयाना, बंगलादेश, ब्राजील, सूडान, अफगानिस्तान, यूनान, सिंगापुर, क्यूबा, पनामा, ब्रिटेन आदि देशों के राजनयिक शामिल थे।
बैठक के बाद श्री चौहान ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वैचारिक महाकुंभ में नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना सहित 50 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि इन तीन दिनों के दौरान वैश्विक समस्याओं के भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में समाधान पर विचार मंथन होगा जिनमें धर्म एवं मानव कल्याण, मूल्य आधारित जीवन, धर्म एवं विज्ञान, जलवायु परिवर्तन, कृषि कुंभ, कुटीर उद्योग, नदी स्वच्छता और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की महत्ता पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी 14 मई को वैचारिक महाकुंभ के अंतिम निष्कर्ष को व्यक्त करेंगे और उनके उद्बोधन के साथ ही वैचारिक महाकुंभ का समापन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल से 21 मई तक उज्जैन एक लघु भारत बना रहेगा। इस दौरान साधक, सिद्ध, तपस्वी और संत क्षिप्रा के तट पर पधारेंगे और यह एक अद्भुत क्षेत्र हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मौके पर वैचारिक कुंभ का आयोजन बहुत उपयुक्त है।

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