इलाहाबाद. कई कोर्ट ने एक अहम् फैसले में मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डा. संदीप पाण्डेय के IIT BHU प्रशासन द्वारा किए गए समय पूर्व बर्खास्तगी को ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रशासन पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रसाशन का यह फैसला पूर्वाग्रही है और संदीप की अलग विचारधारा का होने के कारण किया गया है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि बोर्ड का यह निर्णय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है. और BHU के संस्थापक का मत भी यह था कि भारत महज हिन्दुओं का देश नहीं है. बल्कि मुस्लिमो, ईसाईयों और पारसियों का देश भी है. कोर्ट ने कहा कि सरकार की नीतियों की आलोचना करना अपराध नहीं है.
लखनऊ में आज एक सम्मान समारोह में डा. संदीप पाण्डेय की मौजूदगी में बोलते हुए प्रसिद्द मानवाधिकार कार्यकर्ता डा. लेनिन ने भी IIT BHU प्रशासन के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया था और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया था.

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