नयी दिल्ली 27 अप्रैल, अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर भाजपा को कटघरे में खड़ा करते हुए आज कहा कि मोदी सरकार ने आपराधिक षडयंत्र करके इस कंपनी को ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा बनाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन को देखते हुए इस कंपनी को काली सूची में में डालने की प्रक्रिया शुरू करके उसके साथ हेलिकॉप्टर सौदे को जनवरी 2014 में रद्द कर दिया था। इसकी सूचना राज्यसभा में देने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत को पत्र लिखकर दी गयी थी। उन्होंने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड तथा उसकी सहयोगी अथवा मूल कंपनी के साथ किसी तरह का सौदा नहीं करने का निर्णय कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने लिया था तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रित गठबंधन सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड तथा उसकी सहयोगी कंपनी को ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का हिस्सा किस आधार पर बनाया।
श्री एंटनी ने कहा कि जिस कंपनी को काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू करके उस पर प्रतिबंध लगाया गया था उसी कंपनी को ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा बनाने के लिए मोदी सरकार ने बाकायदा अटर्नी जनरल की सलाह ली और मेक इन इंडिया में उसे शामिल करने की घोषणा की। कपंनी पर प्रतिबंध था इसलिए एक आदेश जारी करके उसे इस मुहिम का हिस्सा बनाया गया। उन्होंने इस सौदे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पार्टी के अन्य नेताओं पर लगाए आरोपों को आधारहीन बताया और कहा कि भाजपा राजनीतिक मजबूरियों में इस तरह का षडयंत्र करके कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार को सत्ता में आए दो साल हो गए हैं, इस सौदे में यदि रिश्वत ली गयी थी तो फिर अब तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। सरकार दो साल तक किस वजह से निश्चित होकर सोती रही। मोदी सरकार को अब नींद से जागना चाहिए और इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी का इस्तेमाल करके कांग्रेस अध्यक्ष पर आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पर इस सौदे को लेकर लगाए गए आरोपों बेबुनियाद बताया और कहा कि कांग्रेस सरकार ने इटली के मिलान में इस सौदे से संबंधित मामले को लेकर चली अदालती कार्रवाई में हिस्सा लिया और जितना पैसा इस सौदे के अनुबंध के तहत दिया गया था उससे कई ज्यादा पैसा मुआवजे के तौर पर वापस मांगा और वह पैसा भारत सरकार को मिला।

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