कन्हैया लिखेंगे बिहार से तिहाड़ तक के सफर की दास्तान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 27 अप्रैल 2016

कन्हैया लिखेंगे बिहार से तिहाड़ तक के सफर की दास्तान

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नयी दिल्ली, 27 अप्रैल, देशद्रोह के आराेप में लगभग 20 दिनों तक जेल में रहने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार अब तक के अपने सफ़र की दास्तान को बयां करते हुये एक किताब लिखेंगे। कन्हैया की यह किताब ‘बिहार से तिहाड़’ बिहार के एक गांव से उनके जेल तक के सफर के बारे में होगी। इसके लिये उन्होंने “जगरनॉट बुक्स”के साथ एक समझौता भी किया है। यह किताब मूलत: हिंदी में लिखी जाएगी लेकिन इसका प्रकाशन हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में किया जाएगा। बिहार के एक साधारण से परिवार से आने वाले कन्हैया ने बड़ी बेबाकी और समझदारी के साथ दिल को छू लेने वाले तरीके से बोलने की आजादी की हिमायत करते हुए राष्ट्र का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। 

उन्होंने जिस बेखौफ तरीके से राजनीतिक सत्ता को चुनौती दी है उसने देशभक्ति,राष्ट्रवाद और बौद्धिक आजादी पर एक राष्ट्रव्यापी बहस को जन्म दिया है। कन्हैया ने अपनी किताब के बारे में कहा,“ भगत सिंह ने कहा था कि आप व्यक्तियों को मार सकते हैं, मगर उनके विचार नहीं कुचल सकते। मेरे खयाल में हमारी यह लड़ाई कहां तक पहुंचेगी, हमें नहीं मालूम। लेकिन इतिहास में यह बात एक विचार के तौर पर और एक किताब के रुप मेें मौजूद रहे इसलिए मैंने सोचा कि अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर इस समाज के अंतर्विरोधों को समझने की कोशिश करूं। यह किताब इसकी झलक भी देगी कि इस देश के सोचने-समझने वाले युवाओं की उम्मीदें, निराशाएं और संघर्ष क्या हैं।” ‘बिहार से तिहाड़’ की पहली फेहरिश्त इस वर्ष जुलाई में उपलब्ध हो जाएगी। कन्हैया की यह किताब उनके गांव के स्कूल से चल कर छात्र राजनीति में भागीदारी करने और राजद्रोह के आरोपों में विवादास्पद गिरफ्तारी तथा इसके बाद की घटनाओं की एक बेमिसाल सफर की दास्तान है। यह किताब इस बात की दास्तान भी है कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बहस करने और सवाल करने के लिए युवा दिमागों का हौसला बढ़ाने वाली शिक्षा किस तरह से भारतीय लोकतंत्र के काम करने लिए अहम है। जगरनॉट की प्रकाशक चिकी सरकार ने कहा,“ यह हमारे वक्त को परिभाषित करने वाली एक किताब होगी। कन्हैया एक ऐसी आवाज है, जिसे सभी को सुनना चाहिए और जगरनॉट इसे संभावित रूप से सबसे व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाने में गर्व महसूस कर रहा है।”

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