पटना 30 अप्रैल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ ) में भर्ती में की गयी जालसाजी एवं भ्रष्टाचार के मामले में पटना स्थित एक विशेष अदालत ने आज सीआरपीएफ के एक तत्कालीन महानिरीक्षक और दो कमांडेट (समादेष्टा) समेत 24 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिया । केन्द्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी ने आरोप बिन्दु पर आरोपितों एवं ब्यूरों के विशेष लोक अभियोजक एलआर अंसारी की सुनवाई के बाद आरोपितों को अदालत में आरोप पढ़कर सुनाया । आरोपितों ने अपने उपर लगाये गये आरोपों से इंकार किया ।
न्यायालय ने सीबीआई को अपने गवाह पेश करने के लिये 18 मई 2016 की तिथि निर्धारित की। आरोप के अनुसार आरोपितों ने एक आपराधिक षड़यंत्र के तहत जालसाजी एवं सरकारी पद का दुरूपयोग कर वर्ष 2009 में बिहार के गया एवं बेगूसराय जिले में सीआरपीएफ में हुयी बहाली में अपने निजी लाभ के लिये गड़बड़ी की थी । आरोपितों में सीआरपीएफ के तत्कालीन महानिरीक्षक पुष्कर सिंह , समादेष्टा यदुवेन्द्र सिंह और बीएस सिधु , सिपाही त्रिपुरारी कुमार , प्रेमचंद्र कुमार , श्याम निधि कुमार तथा बिचौलिया मुंकेश कुमार शामिल है ।
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