उज्जैन, 22 अप्रैल, मध्यप्रदेश के उज्जैन में आज हनुमान जयंती पर ब्रह्ममुहूर्त से शुरू हुए सिंहस्थ कुंभ के दौरान लाखों लोगों ने पवित्र क्षिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। जूना अखाड़े द्वारा सुबह 5.11 बजे दत्त अखाड़ा घाट में क्षिप्रा में शाही स्नान आरम्भ किया गया। जूना अखाडा के पीठाधीश स्वामी अवधेशानंद महाराज ने परंपरा के अनुरूप मंत्रोच्चारण के साथ डुबकी लगायी। इस दौरान सिंहस्थ के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के साधु-संतों ने सबसे पहले दत्त अखाड़ा घाट पर स्नान किया। शाही स्नान में श्री पंचायती आवाहन अखाड़ा और श्री पंचायती अग्नि अखाड़ा, श्री तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा, श्री पंचायती आनंद अखाड़ा, श्रीपंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, श्री पंच अटल अखाड़ा, रामघाट पर श्री निर्मोही अणि अखाड़ा, श्री दिगम्बर निर्वाणी अखाड़ा, श्री निर्वाणी अणि अखाड़ा, दत्त अखाड़ा घाट पर श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती नवीन उदासीन अखाड़ा और श्री निर्मल अखाड़े के साधु-संत शाही स्नान में शामिल हुए। अखाड़ों के नागा साधुओं के स्नान का क्षिप्रा तट पर एक विशेष आकर्षण था। स्नान में सभी अखाड़ों के प्रमुख संत, महंत, श्रीमहंत, महामंडलेश्वर, पीठाधीश सम्मिलित हुए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्रगिरि महाराज, महामंत्री श्री हरिगिरि महाराज, जोधपुर राजपरिवार, निरंजनी अखाड़े के स्वामी सत्यमित्रानन्दजी, महानिर्वाणी अखाड़े के नित्यानन्दजी के अलावा पायलेट बाबा, स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती, गोल्डन बाबा आदि शाही स्नान में सम्मिलित हुए। स्नान के लिए लगभग सभी अखाडों के महामंडलेश्वर ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर आए। हरिद्वार आधारित स्वामी सत्यमित्रानंद गिरीजी महाराज कार में सवार होकर क्षिप्रा स्नान के लिए आए। नित्यानंद स्वामी के साथ बहुत से विदेशी अनुयायी भी मौजूद थे। कांग्रेस के राष्ट्रीस महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी सिंहस्थ के पहले दिन क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाई। उन्होंने सुबह लगभग साढे आठ बजे नदी में सिंहस्थ स्नान किया। विभिन्न अखाडों के साधु-संत धर्मध्वजाएं और त्रिशूल लेकर घाटों पर पहुंचे। सभी घाट सिंहस्थ के पहले दिन धार्मिक नारों से गूंज रहे थे।
कडी सुरक्षा के बीच लगभग नौ किलोमीटर मेें फैले मेला क्षेत्र के कई घाटों पर आम जनता ने भी स्नान किया। प्रथम शाही स्नान के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, विधायक मोहन यादव, प्रदेश के मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक सुरेंद्रसिंह, जनसंपर्क आयुक्त अनुपम राजन, संभागायुक्त उज्जैन डॉ रवींद्र पस्तौर, कलेक्टर कवींद्र कियावत, पुलिस अधीक्षक एमएस वर्मा क्षिप्रा के घाटों पर मौजूद होकर व्यवस्थाओं का सतत जायजा लेते रहे। स्नान के दौरान क्षिप्रा में होमगार्ड की मोटर बोट सतत गश्त कर रही थी। अखाड़ों के आवागमन मार्ग तथा क्षिप्रा के घाटों पर पुलिस और पैरा मिलेट्री फोर्स के जवान अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद थे। घाटों की निरंतर सफाई की जा रही थी। सफाईकर्मी हर आवश्यक स्थान पर तैनात किये गये थे। कचरा एकत्र करने के लिये जगह-जगह डस्टबिन रखे गये थे। किसी भी आपात-स्थिति से निपटने के लिये फायर वाहन, मेडिकल एम्बुलेंस, तैराक दल शिप्रा के घाटों पर तैनात थे। सिंहस्थ के प्रथम शाही स्नान के सफल आयोजन पर जिले के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सभी का आभार माना है।
उन्होंने कहा है कि शासन-प्रशासन द्वारा जहाँ योजनाबद्ध तरीके से सफल शाही स्नान के लिये कार्य किया गया, वहीं जन प्रतिनिधियों तथा आम जनता द्वारा भी इसके लिये तन, मन, धन से सहयोग दिया गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सिंहस्थ कुंभ का आयोजन 21 मई तक यानी एक माह तक चलेगा। इस दौरान दूसरा शाही स्नान नौ मई (अक्षय तृतीया) और तीसरा व अंतिम शाही स्नान 21 मई को प्रस्तावित है। एक माह की अवधि में पांच करोड लोगों के आने की संभावना के मद्देनजर राज्य सरकार ने तैयारियां की हैं। विभिन्न सुविधाओं को विकसित करने के लिए लगभग साढे तीन हजार करोड रूपए व्यय किए गए हैं। अखिल भारतीय अखाडा परिषद की अगुवायी में शैव और वैष्णव संप्रदाय के तेरह अखाडों के लाखों साधु संत शाही स्नान में शिरकत करेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने प्रत्येक व्यवस्थाएं की हैं। करोडों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना के मद्देनजर उज्जैन के आसपास अनेक उपनगर भी बसाए गए हैं।

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