देहरादून, 22 अप्रैल, कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा है कि पहले वह बर्खास्त मुख्यमंत्री , फिर उच्च न्यायालय द्वारा स्थापित मुख्यमंत्री और अब उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं। यह टिप्पणी श्री रावत ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश के मद्देनजर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए की। श्री रावत ने उच्च न्यायालय के कल के फैसले के बाद राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में काम करना शुरु कर दिया था। उन्होंने कल रात और आज सुबह मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर कई फैसले किये लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा उच्च न्यायालय के फैसले पर 27 अप्रैल तक रोक लगाये जाने के बाद राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन बहाल हो गया है तथा उनके और उनके मंत्रिमंडल के पास कोई अधिकार नहीं रह गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं तथा इसे लेकर उनमें कोई मायूसी नहीं है और पूरी पार्टी एकजुट है। यह अंतरिम आदेश है और वह चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय इस मामले की मेरिट पर सुनवाई करके जल्द से जल्द से फैसला करे ताकि राज्य में बनी अनिश्चितता की स्थिति दूर हो सके। इस अनिश्चितता की स्थिति के कारण राज्य और यहां के लोगों को बहुत नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश की एक अच्छी बात यह है कि उसने मामले की सुनवाई होने तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने का निर्देश दिया है। इससे पर्दे के पीछे से राज्य पर एक अनैतिक सरकार थोपने के जो प्रयास चल रहे थे उन पर रोक लगेगी।
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016
पहले बर्खास्त , फिर स्थापित, अब निवर्तमान :रावत
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