इस्लामाबाद, 22 अप्रैल, पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने जनरल परवेज मुशर्रफ की 6 अप्रैल की मेडिकल रिपोर्ट को फर्जी करार दिया और उन्हें अदालत की सुनवाई से अस्थाई छूट देने से इन्कार कर दिया। डाॅन की खबर के अनुसार अदालत ने जजों की गिरफ्तारी मामले की सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के डाॅक्टरी प्रमाण पत्र को फर्जी बताया। अदालत के सामने जनरल मुशर्रफ की मेेडिकल रिपोर्ट उनके वकील अख्तर शाह ने पेश की। जनरल मुशर्रफ के वकील ने जजों की नजरबंदी मामले की सुनवाई के दौरान जनरल की उपस्थिति से छूट का भी आवेदन पत्र भी प्रस्तुत किया लेकिन जज ने इसे स्वीकार करने से इन्कार कर दिया और उनके विरूद्ध जारी गैर जमानती वारंट को कायम रखा। जनरल मुशर्रफ इलाज के लिए दुबई गये हुये हैं। आतंकवाद विरोधी अदालत के जज सुहेल इकराम ने कहा कि जनरल मुशर्रफ मार्च में देश से बाहर चले गये किन्तु उनके बारे में रिपोर्ट अप्रैल की दी जा रही है।
जनरल मुशर्रफ के वकील ने अदालत में अपनी दलील में कहा कि अगर डाॅक्टर अनुमति दें और सरकार सुरक्षा प्रदान करें तो जनरल मुशर्रफ अदालत में उपस्थित हो सकते हैं। उनकी इस दलील पर जज ने कहा कि जनरल मुशर्रफ अदालत में डेढ वर्ष से उपस्थित नहीं हो रहे हैं। इस्लामाबाद पुलिस ने अदालत में अपनी रिपोर्ट में कहा कि जनरल मुशर्रफ मार्च से ही दुबई में हैं इस कारण उन्हें गैर जमानती वारंट तामील नहीं हो सकी। जज ने इस्लामाबाद के पुलिस महानरीक्षक को निर्देश दिया कि वह जनरल मुशर्रफ का पता लगाकर उन्हें 20 मई की सुनवाई के समय उपस्थित करें। जनरल मुशर्रफ के विरूद्ध अदालतों में कई मामले लंबित है। वह 18 मार्च को दुबई चले गये थे। जज ने कहा कि मुशर्रफ अदालत की अनुमति के बिना दुबई चले गये।

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