पटना 30 अप्रैल, केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार अपनी सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के इरादे से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर चर्चा को उकसावा दे रहे है । श्री पासवान ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा इस पर चर्चा ही बेकार है । प्रधानमंत्री पद के लिये अभी कोई .. वैकेन्सी .. नहीं है और न ही अगले 15 वर्ष तक होने वाली है । उन्होंने कहा कि समय पूर्व इस पर चर्चा करना ही निरर्थक है । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अपने को धर्मनिरपेक्ष दल होने का दावा करने वाले नेताओं में महत्वाकांक्षा इतना अधिक है कि उनका विलय कभी हो ही नहीं सकता । तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों के सभी नेता अपने को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मानते है । उन्होंने कहा कि तामिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता , ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक , आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू , पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखते है ।
श्री पासवान ने कहा कि इन दलों का आपस में विलय कभी संभव ही नहीं है । उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यदि यह संभव होता तो बिहार विधानसभा चुनाव के समय राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जदयू के महागठबंधन से सपा अलग नहीं हुयी होती । उन्होंने कहा कि महागठबंधन के बड़े घटक राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अपने खेल में लगे हुए है और उनके साथ जो भी रहा है वह कभी सुरक्षित नहीं रहा । केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा ) के अध्यक्ष शरद पवार के मुख्यमंत्री श्री कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिये उपयुक्त उम्मीदवार बताये जाने के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि जितने सांसद श्री पवार के पास है उतने ही सांसद उनकी पार्टी के भी है । श्री पवार का इस संबंध में कुछ भी कहना कोई मायने नहीं रखता । उन्होंने कहा कि बिहार से सिर्फ ध्यान हटाने के इरादे से जानबूझ कर इस तरह की चर्चायें हो रही है । श्री पासवान ने कहा कि बिहार में इन दिनों आये दिन अगलगी की घटनाएं हो रही है लेकिन सरकार की ओर से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया । सरकारी आकड़ों के अनुसार अभी तक राज्य में 72 लोगों की झुलसकर जहां मौत हुयी है वहीं 16 हजार घर क्षतिग्रस्त हो चुके है । घर -घर नल से जल की योजना के नाम पर राज्य सरकार ने विधायक निधि से चापाकल (हैंडपम्प ) दिये जाने की योजना को ही बंद कर दिया । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पानी के लिये राज्य में हाहाकार मचा हुआ है ।राज्य सरकार की घर -घर नल से जल की योजना दस वर्ष में भी पूरी होने वाली नही है । उन्होंने कहा कि राज्य मेंनौ सौ थाना है जिनमें से सिर्फ सौ थाना में ही दमकल की गाड़ियां है और वह भी ठीक अवस्था में नही है । अगलगी का मुख्य कारण झुग्गी -झोपड़ी है । उन्होंने कहा कि झुग्गी - झोपड़ियों मेंरहने वाले लोगों को इंदिरा आवास योजना के तहत पक्का मकान का आवंटन होना चाहिए ।
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