पटना 24 अप्रैल, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य चुनाव आयोग के रोक के बावजूद प्रदेश के लाखों लोगों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने ..ग्राम उदय से भारत उदय अभियान.. के तहत प्रधानमंत्री के भाषण को सुना। भाजपा विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि श्री कुमार ने राज्य में पंचायती राज संस्थाओं को पंगु बना दिया है। प्रदेश की साढ़े आठ हजार पंचायतों में एक-एक करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ..पंचायत सरकार भवन.. का काम ठप्प है। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों से पंचायत प्रतिनिधियों को घोषित भत्ता का भुगतान नहीं हो रहा है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में केन्द्र की तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने बिहार के स्थानीय निकायों को मात्र पांच हजार करोड़ रुपये दे पाई थी । उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने इसमें करीब साढ़े चार गुणा की वृद्धि करते हुए 23,500 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। प्रदेश में साढ़े आठ हजार की जगह अब तक मात्र 400 पंचायत सरकार भवन ही बन पाए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की कार्यशैली से अब लगता है कि इस योजना को ही ठप्प कर दिया गया है। राज्य सरकार पंचायत सरकार भवनों के निर्माण के लिए 13 वें वित आयोग द्वारा अनुशंसित एक हजार करोड़ रूपये में से 500 करोड़ नहीं ले पाई वहीं 14 वें वित आयोग की अनुसंशा पर मिली राशि ससमय पंचायतों के खाते में ट्रांसफर नहीं करने के कारण उसे दंड के तौर पर 8 करोड़ 11 लाख रुपये का ब्याज भरना पड़ा है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव के पूर्व राज्य सरकार ने तय किया था कि जिनके घर में शौचालय नहीं होगा, वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे लेकिन छह माह में ही अपने निर्णय से पलट गई। उन्होंने कहा कि क्या महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर प्रधानमंत्री के स्वच्छ एवं निर्मल भारत के सपने को पूरा करने के लिए यह अनिवार्य नहीं करना चाहिए कि जीतने वाले पंचायत प्रतिनिधि आगामी एक वर्ष में अपने घरों में शौचालय का निर्माण करा लें । श्री मोदी ने कहा कि सच्चाई यह है कि श्री कुमार अब तक पंचायती राज एवं नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों को छलने का काम करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि 13 दिसम्बर 2013 को विधानमंडल के दोनों सदनों में मुख्यमंत्री द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए की गई घोषणाओं में से क्या अभी तक एक भी पूरी हुई है। मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि शेष पंचायत सरकार भवनों का निर्माण और पंचायत प्रतिनिधियों के दो वर्षों के बकाये भत्ते का भुगतान कब तक होगा ।

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