नयी दिल्ली 20 अप्रैल, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सेवा क्षेत्र को इस सहस्राब्दी का उद्योग करार देते हुए आज कहा कि रोजगार सृजन, कौशल विकास, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, व्यापार एवं रणनीतिक भागीदारी को बढावा देने वाला यह क्षेत्र देश में परिवर्तन का वाहक है। श्री मुखर्जी ने ग्रेटर नोएडा में वैश्विक सेवा प्रदर्शनी 2016 का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में सेवा सर्वाधिक नौ प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ रहा है। वर्ष 2014 -15 में सकल घरेलू उत्पाद में सेवा की भागीदारी 66 प्रतिशत तक पहुंच गयी है जबकि वर्ष 1990- 91 में यह 41 प्रतिशत थी। भारतीय सेवा क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर ले जाने पर जोर देते उन्हाेंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए सीमाएं मायने नहीं रखती है और यह कौशल एवं क्षमताओं के जरिए राष्ट्रों को एक करता है। उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र देश में बदलाव के एक प्रमुख वाहक के तौर पर उभर रहा है। यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को समग्र रुप से आगे बढा रहा है। यह मौजूदा सहस्राब्दी का क्षेत्र है और रोजगार सृजन, कौशल विकास, एफडीआई, व्यापार एवं रणनीतिक भागीदारी को बढ़ावा मिल रहा है।
श्री मुखर्जी ने कहा कि भारत के आर्थिक विकास में सेवा की प्रमुख भूमिका बनी रहेगी। इसमें भारत को विकासशील देश से विकसित देश की श्रेणी में ले जाने की क्षमता है। इसलिए यह जरुरी है कि सेवा क्षेत्र के विकास काे समग्र नीति निर्धारक प्रक्रिया से जोडा जाए और विकास की रणनीति बनाई जाए जिससे तमाम लक्ष्य प्राप्त किए जा सके। राष्ट्रपति ने कहा कि उदारीकरण और सेवा क्षेत्र के विकास के बीच सकारात्मक संबंध है। सेवा क्षेत्र में उदारीकरण करने से व्यापार और एफडीआई के संदर्भ में इजाफा हुआ है जिसके कारण क्षेत्र का तेज विकास हुआ है और रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। इसलिए वक्त की जरुरत है कि सेवा में सुधारों की प्रक्रिया तेज की जाए और इसकी पूरी क्षमता का इस्तेमाल किया जाए। इस अवसर में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण, पर्यटन मंत्री महेश शर्मा तथा अन्य कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
बुधवार, 20 अप्रैल 2016
सेवा क्षेत्र देश में परिवर्तन का वाहक : प्रणव
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