बलिया, उत्तर प्रदेश 01 मई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहाँ केन्द्र सरकार की आठ हजार करोड़ रुपये से अगले तीन वर्षों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले पाँच करोड़ परिवारों को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना का शुभारंभ करते हुए विश्व भर के मजदूरों से दुनिया को एक साथ जोड़ने का आह्वान किया। मजदूर दिवस के मौके पर शुरू की गयी इस योजना का मकसद गरीब परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना है। श्री मोदी ने कहा, “21वीं सदी में ‘मजदूर एक हो जाओ’ का नारा चलने वाला नहीं है।” उन्होंने कहा कि अब विश्व के मजदूरों को दुनिया को जोड़ना होगा और इसे मजदूर का पसीना ही जोड़ सकता है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस योजना की बलिया से शुरुआत करने पर की गयी आलोचना पर निशाना साधते हुए श्री मोदी ने कहा कि जो लोग राजनीति में नहीं हैं उन्हें राजनीति से अधिक कुछ नजर नहीं आता है। उन्होंने कहा, “मैं यहाँ चुनाव का बिगुल बजाने नहीं आया हूँ। चुनाव का बिगुल मतदाता बजाएँगे।” बलिया को इस योजना का स्थल चुनने के बारे में श्री मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यह ऐसा जिला है जहाँ गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वालों के पास सबसे कम रसोई गैस कनेक्शन है। यहाँ मात्र आठ प्रतिशत बीपीएल परिवारों ऐसे हैं,जिनके पास रसोई गैस कनेक्शन है।
श्री मोदी ने खुद को देश का मजदूर नंबर एक बताते हुए कहा कि वह केवल राजनीति के लिए योजनाएँ शुरू नहीं कर रहे हैं। इससे पहले वह हरियाणा में ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ की शुरुआत करने गये थे। वहाँ कोई चुनाव नहीं था। उनकी इस योजना का बहुत प्रभाव पड़ा और आज हरियाणा में लिंग अनुपात में बहुत सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी लड़ाई गरीबी के खिलाफ है। पूर्वी हिंदुस्तान यदि पश्चिमी भारत की बराबरी कर ले तो हम गरीबी की इस लड़ाई में सफल हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले रसोई गैस कनेक्शन की बहुत ताकत थी। एक सांसद को साल भर में रसोई गैस कनेक्शन आवंटित करने के लिए 25 कूपन मिलते थे, जिसे लेकर यह आरोप लगते थे कि सांसद ने इन्हें बेच दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक साल में तीन करोड़ रसोई गैस के कनेक्शन उपलब्ध कराये हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1955 के बाद 60 वर्षों में 13 करोड़ परिवारों को ही रसोई गैस कनेक्शन मिले थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मनायी जाएगी, उनकी सरकार का इरादा तीन साल में पाँच करोड़ परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का है।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों की भलाई और कल्याण के लिए कई कदम उठाये हैं। श्रम कानूनों में बदलाव किये गये, जिससे तीस लाख से अधिक श्रमिकों, जिन्हें पहले केवल 15 रुपये से 100 रुपये तक मासिक पेंशन मिलती थी, न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये किया गया। श्रमिकों के लिए श्रम सुविधा पोर्टल शुरू किया गया। उन्हें पहचान नबर दिया गया और आठ श्रम कानूनों को मिलाकर एक किया गया। बोनस कानून में बदलाव करने के साथ ही इसकी सीमा बढ़ायी गयी। बोनस के लिए न्यूनतम आय 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपयेकिया गया और बोनस की न्यूनतम राशि 3500 रुपये से बढ़ाकर 7000 किया गया। निर्माण क्षेत्र में लगे चार करोड़ से ज्यादा मजदूरों के लिए भी श्रम कानून में बदलाव किया गया। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के तहत परिवार की महिला सदस्य को 1600 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी और यह राशि सीधे प्रधानमंत्री जन-धन योजना खाते में हस्तांतरित की जाएगी। स्वच्छ ईंधन के अभाव में खाना पकाने में महिलाओं को आने वाली दिक्कतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं बचपन में अपनी माँ को ये सब सहन करते देख चुका हूँ।” उन्होंने कहा कि एक दिन में लकड़ी या उपले पर खाना बनाने से चार सौ सिगरेट के बराबर नुकसान होता है। रसोई गैस का कनेक्शन मिलने से महिलाओं को ईंधन के लिए जंगलों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे खर्च कम आएगा। स्वास्थ्य पर विपरीत असर कम होगा और यह पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में भी एक पहल होगी। श्री मोदी ने अपने आह्वान पर एक करोड़ 10 लाख से अधिक रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने वालों का अभिवादन करते हुए कहा कि मैंने बिना किसी योजना के इसकी अपील की थी। देश की जनता अच्छे काम में दो कदम आगे बढ़कर योगदान देने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि लेने वाले से अधिक देने वाले का सम्मान किया जाए।
उत्तर प्रदेश में गरीबी का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस राज्य ने देश को कई प्रधानमंत्री दिये, इसके बावजूद यहाँ गरीबी बढ़ती गयी। इसके क्या कारण थे कि लोगों को हाथ फैलाने पर मजबूर होना पड़ा और गरीबी के खिलाफ लड़ने का हौसला खत्म हो गया। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश के विकास में अधिक से अधिक सहयोग दे रही है। उन्होंने एक हजार दिनों में सभी गाँवों में बिजली पहुँचाने का अपना वादा याद दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार औसतन तीन गाँवों में रोजाना बिजली पहुँचा रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद राज्य में 18 हजार ऐसे गाँव थे, जहाँ बिजली नहीं थी। राज्य के 1529 गाँवों में बिजली का खंभा भी नहीं पहुँचा था। उनकी सरकार ने 250 दिनों में उत्तर प्रदेश के 1326 गाँवों में बिजली पहुँचाने का काम शुरु कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता उन्हें जितना प्यार देती है, उनपर उतना ही कर्ज चढ़ता जाता है। उन्होंने कहा, “मैं ब्याज समेत इसे चुकाने का संकल्प लेकर काम कर रहा हूँ और विकास कर इसको अदा करूँगा।” उन्होंने गंगा नदी को स्वच्छ बनाने में जनता के सहयोग की अपील करते हुए कहा कि इस काम को निश्चित पूरा किया जाएगा। इससे पहले पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उज्जवला योजना को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। श्री प्रधान ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में डेढ़ करोड़ बीपीएल परिवारों को रसोई गैस मुहैया करायी जाएगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 10 महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन भी बाँटा। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र, मनोज सिन्हा, उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, आस-पास के जिलों के सांसद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के अध्यक्ष बी. अशोक और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक निशि वासुदेव भी इस मौके पर उपस्थित रहीं।

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